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गमगीन बॉलीवुड: पांच दशक के लंबे सफर में हिन्दी से पंजाबी सिनेमा तक छाए रहे धरम, पीएम मोदी और सीएम फडणवीस ने दी श्रद्धांजलि

- पांच दशक लंबे फिल्मी सफर में 300 से अधिक फिल्मों में किया काम
- पंजाबी फिल्मों में भी किया शानदार अभिनय
- पीएम मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी श्रद्धांजलि
- फिल्मफेयर मैगज़ीन के ‘न्यू टैलेंट अवॉर्ड’ जीतने के बाद धर्मेंद्र मुंबई आए
- जानिए कैसा है धर्मेंद्र का भरा पूरा परिवार और निजी जीवन
Mumbai News. बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता, निर्माता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र पंचतत्व में विलीन हो चुके हैं। धर्मेंद्र का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार विले पार्ले स्थित श्मशान घाट में किया गया। इस दौरान उनका परिवार मौजूद रहा और साथ ही अमिताभ बच्चन, सलमान खान, आमिर खान और अक्षय कुमार जैसे कई दिग्गज कलाकार भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे। धर्मेंद्र पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। 10 नवंबर को उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, जिसके बाद उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 12 नवंबर को डॉक्टरों ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया और घर पर इलाज जारी रखने की सलाह दी थी।
पीएम मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने धर्मेंद्र के निधन पर शोक जताया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक आधिकारिक बयान में श्रद्धांजलि देते हुए धर्मेंद्र को एक महान हस्ती कहा, जिनका हिंदी सिनेमा में योगदान अविस्मरणीय रहेगा। अपने शोक संदेश में, फडणवीस ने कहा कि एक स्वप्निल युवा रोमांटिक नायक से लेकर बॉलीवुड के प्रसिद्ध “ही-मैन” तक के अभिनेता का सफर फिल्म प्रेमियों की पीढ़ियों पर एक अमिट छाप छोड़ गया है। उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र ने फिल्म उद्योग के हर बड़े बदलाव को देखा, ब्लैक एंड व्हाइट सिनेमा से लेकर आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत फिल्म निर्माण तक।
भारतीय सिनेमा जगत के दिग्गज अभिनेता एवं ‘बॉलीवुड के 'ही-मैन'' के रूप में मशहूर श्री धर्मेंद्र देओल जी के निधन की खबर से स्तब्ध हूँ। 'शोले', 'धरम वीर', 'चुपके-चुपके', 'मेरा गांव मेरा देश', 'प्रतिज्ञा', 'सीता और गीता', 'गुलामी', 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' जैसी सुपरहिट फिल्मों… pic.twitter.com/srIhVpPFOk
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 24, 2025
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा
एक अन्य आधिकारिक बयान में, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि धर्मेंद्र का निधन हिंदी सिनेमा के एक “शानदार और जीवंत अध्याय” का अंत है।
हिंदी चित्रपटसृष्टीतील ज्येष्ठ अभिनेते धर्मेंद्र यांच्या निधनानं भारतीय चित्रपटसृष्टीतील एका तेजस्वी पर्वाचा अंत झाला असून, अभिनयाचा ‘ही-मॅन’ काळाच्या पडद्याआड गेला आहे. मी त्यांना भावपूर्ण श्रद्धांजली अर्पण करतो.धर्मेंद्र यांच्या अभिनयात नैसर्गिकता, साधेपणा आणि मनाला भिडणारी… pic.twitter.com/JKsawJyI4H— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) November 24, 2025
पांच दशक का लंबा सफर, 300 से अधिक फिल्मों में किया काम
8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के सहनेवाल गांव में जन्मे धर्मेंद्र को भारतीय सिनेमा के सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली अभिनेताओं में गिना जाता है। पांच दशक लंबे फिल्मी सफर में उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया और अपने दमदार व्यक्तित्व के कारण उन्हें “ही-मैन” कहा जाता था। 1997 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और 2012 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वे बीकानेर से लोकसभा सांसद भी रहे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रतिनिधित्व किया।
शुरुआती जीवन
धर्मेंद्र का जन्म किशन सिंह देओल और सतवंत कौर के जाट सिख परिवार में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सहनेवाल और लाल्टन कलां गांव के सरकारी स्कूल में हुई, जहां उनके पिता शिक्षक और फिर हेडमास्टर थे। 1952 में उन्होंने फगवाड़ा से मैट्रिक की परीक्षा पास की।
फिल्मी करियर
फिल्मफेयर मैगज़ीन के ‘न्यू टैलेंट अवॉर्ड’ जीतने के बाद धर्मेंद्र मुंबई आए। उनकी पहली फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे (1960) थी। 1960 के दशक में उन्होंने नूतन, मीना कुमारी, माला सिन्हा, नंदा और सायरा बानो सहित कई प्रमुख अभिनेत्रियों के साथ सफल फ़िल्में दीं।
फूल और पत्थर (1966) उनकी पहली बड़ी हिट थी, जिसने उन्हें स्टार बना दिया। मीना कुमारी के साथ उनकी जोड़ी को खूब सराहा गया। 1970 के दशक में शोले, सत्यकाम, जगनू, दोस्त, सीता और गीता, राजाजानी जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों ने उन्हें हिंदी सिनेमा का बड़ा नाम बना दिया। ‘शोले’ को भारतीय सिनेमा की सबसे महान फिल्मों में गिना जाता है।
1976 से 1984 के बीच उन्होंने अनेक एक्शन फिल्मों में काम किया और एक सफल एक्शन हीरो के रूप में पहचान बनाई। धर्मेंद्र के डायरेक्टर अर्जुन हिंगोरानी तथा प्रमोद चक्रवर्ती के साथ सबसे ज्यादा सफल सहयोग रहे।
हिन्दी सिनेमा के अलावा धर्मेंद्र ने कुछ प्रमुख पंजाबी फिल्में भी की थीं। कणका दे ओहले (1970), दो शेर (1974), दुख भंजन तेरा नाम (1974), तेरी मेरी एक जिंदड़ी (1975), पुत्त जट्ट दे (1982) और कुर्बानी जट्टा दी (1990)। उन्होंने 2014 में डबल दी ट्रबल से पंजाबी सिनेमा में वापसी की थी।इसमें दुख भंजन तेरा नाम धर्मिक फिल्म थी। जिसमें उनके अभिनय को खूब सराहा गया।
धर्मेंद्र का भरा पूरा परिवार और निजी जीवन
- धर्मेंद्र ने अपने दोनों बेटों सनी देओल (बेताब) और बॉबी देओल (बरसात) को फिल्मी करियर में लॉन्च किया। उन्होंने अपने भतीजे अभय देओल को भी सोचा ना था के जरिए फिल्मों में स्थापित किया। उनकी सबसे लोकप्रिय ऑन-स्क्रीन जोड़ी हेमा मालिनी के साथ रही, जो बाद में उनकी पत्नी बनीं।
- धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर हैं। अभिनेता ने वर्ष 1954 में प्रकाश कौर से विवाह किया था। उस समय धर्मेंद्र न तो फिल्मों में थे और न ही उनकी कोई स्टारडम थी। प्रकाश कौर से धर्मेंद्र के दो बेटे हुए, सनी देओल और बॉबी देओल। अजीता देओल धर्मेंद्र और प्रकाश कौर की बड़ी बेटी हैं, जिनका का निकनेम डॉली है। अजीता यूएसए में रहती हैं और वह वहां पर साइकोलॉजी प्रोफेसर हैं।
- धर्मेंद्र की दूसरी पत्नी हेमा मालिनी हैं, जो भारतीय फिल्म जगत की सबसे प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों में से एक हैं। दोनों ने वर्ष 1980 में विवाह किया था। बेटी ईशा देओल ने फिल्मों में काम करने के अलावा फिटनेस के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। दूसरी ओर, अहाना देओल ने भरतनाट्यम में अपनी विशेष पहचान स्थापित की है।
धर्मेंद्र के निधन से हिंदी सिनेमा के एक सुनहरे युग का अंत हो गया है। फिल्म जगत, राजनीति और देशभर से शोक संदेश लगातार आने जारी हैं।
Created On :   24 Nov 2025 5:01 PM IST












