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Mumbai News: राऊत बोले - अजित महाआघाडी के साथ आएं सीएम बनाएंगे, केसरकर ले रहे सियासी सन्यास

- अब मेरी चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है- दीपक केसरकर
- अल्पसंख्यक विभाग में 67 प्रतिशत पद रिक्त, स्वीकृत 609 पदों में से 410 पद खाली- रईस शेख
Mumbai News. उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा मुख्यमंत्री पद को लेकर हाल ही में इच्छा जाहिर करने पर अब महाविकास आघाडी के नेता ने अजित पवार को मुख्यमंत्री का ऑफर दिया है। शिवसेना (उद्धव) नेता विनायक राऊत ने अजित को मुख्यमंत्री पद का ऑफर देते हुए कहा कि अजित महाविकास आघाडी के साथ आए तो उनके मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा हो सकता है। विनायक ने कहा कि एकनाथ शिंदे और भाजपा में बढ़ती दूरी के चलते महायुति में नाराजगी का माहौल है। उन्होंने कहा कि अजित कई बार मुख्यमंत्री बनने की बात कह चुके हैं, लेकिन देवेंद्र फडणवीस के रहते हुए उनका मुख्यमंत्री बनना मुश्किल है। इसलिए अगर अजित हमारे साथ आते हैं तो हम उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार हैं।
अब मेरी चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है- दीपक केसरकर
उधर पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे) प्रमुख एकनाथ शिंदे का सबसे करीबी माना जाता था। कोई भी मुद्दा या संघर्ष की स्थिति होती थी तो केसरकर ही मध्यस्थ करते थे। जैसे ही हालात बदले और राज्य की कमान देवेंद्र फडणवीस के हाथ में आई तो उसके बाद से केसरकर महाराष्ट्र की राजनीति से गायब हो गए। इस बीच उनकी बीमारी की खबरें भी सामने आईं। अब केसरकर ने राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया है। 'दैनिक भास्कर' से बातचीत में केसरकर ने कहा कि मैं किसी पद से चिपका हूं, ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि अब मेरी चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है। केसरकर ने कहा कि शिंदे सरकार के कार्यकाल के दौरान मैंने कई संघर्ष की स्थिति में भाजपा से लेकर राकांपा (अजित) में मध्यस्थता की थी। मुझे यकीन था कि फडणवीस सरकार में मुझे मंत्री पद मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मेरी नाराजगी की चर्चा भी शुरू हुई, लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मैं अपने नेता एकनाथ शिंदे से नाराज नहीं हूं। राजनीति केवल चुनाव के लिए होती है। मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो किसी पद से चिपका रहा हूं। मेरा एकमात्र उद्देश्य लोगों की सेवा करना है। इसके साथ ही केसरकर ने कहा कि मैं अगला चुनाव लड़ने का इच्छुक भी नहीं हूं। कुछ दिनों पहले लोगों के आशीर्वाद से मेरा पुनर्जन्म हुआ है और मैं अपना बाकी का जीवन लोगों की सेवा के लिए समर्पित करना चाहता हूं।
एक जमाने में शिंदे के सबसे करीबी थे केसरकर
शिवसेना में जब टूट हुई थी तो एकनाथ शिंदे के साथ सबसे आगे दीपक केसरकर ही दिखाई देते थे। यहां तक कि एकनाथ शिंदे जब अपने साथी विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुंच गए थे तो मीडिया से बातचीत करने की जिम्मेदारी शिंदे ने केसरकर को ही दी थी। शिंदे जब राज्य के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने केसरकर को राज्य का शिक्षा मंत्री बनाकर इसका इनाम भी दिया था। लेकिन फडणवीस सरकार में उनका पत्ता कट हो गया। जिसकी वजह से केसरकर महाराष्ट्र की राजनीति से गायब ही हो गए।
अल्पसंख्यक विभाग में 67 प्रतिशत पद रिक्त, स्वीकृत 609 पदों में से 410 पद खाली- रईस शेख
राज्य के अल्पसंख्यक विभाग में स्वीकृत 609 पदों में से 410 यानी 67 प्रतिशत पद रिक्त हैं। इन पदों को तत्काल भरा जाना चाहिए। समाजवादी पार्टी (सपा) के भिवंडी पूर्व से विधायक रईस शेख ने राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पत्र लिखकर खाली पदों को तत्काल भरने की मांग की है। अजित को लिखे पत्र में विधायक शेख ने कहा है कि रिक्त पदों को भरने के सरकार के निर्णय के बावजूद इसे क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या करीब साढ़े 11 फीसदी है। मुस्लिम समुदाय शिक्षा और रोजगार के मामले में पिछड़ा हुआ है। इस समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्रीय और राज्य की योजनाओं में तेजी लाई जानी चाहिए। रईस ने कहा कि अल्पसंख्यक विभाग का वार्षिक बजट भी बहुत कम है। अधिकारी इस विभाग में आने से कतराते हैं। रिक्त पदों के कारण विभाग का काम कई वर्षों से ठप पड़ा हुआ है। अल्पसंख्यक विभाग के लिए हाल ही में 'बार्टी' और 'सारथी' की तर्ज पर एक शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई है। शेख ने पत्र में लिखा है कि विभाग और केंद्र की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पहल पर अल्पसंख्यक आयुक्तालय का गठन किया गया है। हालांकि इन नई स्थापित संस्थाओं के काम से समाज को कोई लाभ नहीं हो रहा है, क्योंकि इन दोनों संस्थाओं में पद नहीं भरे गए हैं।
Created On :   4 May 2025 9:49 PM IST