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Mumbai News: साल 2017 से अब तक उद्धव ठाकरे का आधे नगरसेवक छोड़ चुके हैं साथ

- ज्यादातर शिंदे गुट में हुए शामिल
- नए चेहरों को मौका देने की तैयारी शुरू
Mumbai News मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के साल 2017 के चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) ने सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरते हुए 84 सीटें जीती थीं। जबकि दूसरे नंबर पर भाजपा रही थी जिसने कुल 82 सीटों पर जीत हासिल की थी। साल 2022 में जब शिवसेना में विभाजन हुआ तो सांसदों, विधायकों के साथ-साथ नगरसेवकों ने भी उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि साल 2022 से लेकर अब तक ठाकरे के आधे से ज्यादा पूर्व नगरसेवक साथ छोड़ चुके हैं। ज्यादातर पूर्व नगरसेवक शिंदे गुट में शामिल हुए हैं। लगातार पार्टी छोड़ने के बाद अब शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगामी बीएमसी के चुनाव में नए चेहरों को मौका देने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टी ने एक रोडमैप भी तैयार कर लिया है।
अभी तक मुंबई में 42 पूर्व नगरसेवकों ने छोड़ा उद्धव का साथ : जब से शिवसेना में बगावत हुई उसके बाद से एक-एक कर ठाकरे के करीबी नेता एवं पूर्व नगरसेवक उनका साथ छोड़ कर जा रहे हैं। अभी तक करीब 42 पूर्व नगरसेवक ठाकरे का साथ छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। ऐसे में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र के नगर निकाय चुनावों कराने को लेकर दिए गए चार महीने के अल्टीमेटम के बाद उद्धव ठाकरे के सामने मुंबई में पिछले कई दशक से बीएमसी पर रहे कब्जे को बचाने की चुनौती पैदा हो गई है। शिवसेना (उद्धव) के एक नेता ने बताया कि पार्टी ने मिली चुनौती को स्वीकार किया है और आगामी बीएमसी चुनाव में नए चेहरों को मौका देने की तैयारी कर ली है। इस नेता ने यह भी कहा कि भले ही हमारे पास साल 2017 में चुने गए नगर सेवकों की संख्या के आधे भी नगरसेवक नहीं बचे हैं, लेकिन मुंबई की जनता ने पिछले कई वर्षों से बीएमसी में शिवसेना पर जो विश्वास जताया है, वह आने वाले चुनाव में भी कायम रहेगा।
शिंदे गुट में पूर्व नगरसेवकों की संख्या 90 तक पहुंची :शिवसेना (शिंदे) में पूर्व नगरसेवकों की इनकमिंग अभी भी जारी है। शिंदे गुट के एक नेता के अनुसार अभी तक उनकी पार्टी में करीब 90 पूर्व नगरसेवक शामिल हो चुके हैं। जिनमें से 52 पूर्व नगरसेवक साल 2017-2022 तक के कार्यकाल के हैं, जबकि बाकी के साल 2007 और 2012 के चुनाव जीते हुए पूर्व नगरसेवक हैं। शिवसेना (उद्धव) के करीब 42 पूर्व नगरसेवक अभी तक शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। जबकि बाकी के पूर्व नगरसेवक कांग्रेस और राकांपा (शरद) गुट के हैं।
साल 2017 के चुनाव में उद्धव ठाकरे ने कैसे बनाया था अपना महापौर : साल 2017 के बीएमसी चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) ने 84 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 82 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं कांग्रेस ने 31, राकांपा (अविभाजित) ने 9, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने 7 और समाजवादी पार्टी ने 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। जब महापौर को लेकर शिवसेना (अविभाजित) और भाजपा में कोई बात नहीं बन सकी तो फिर मनसे के 6 नगरसेवकों समेत कुछ निर्दलीय नगरसेवकों के साथ मिलकर उद्धव ठाकरे ने अपना महापौर बना लिया था। इस तरह से बहुमत नहीं मिलने के बावजूद उद्धव ठाकरे बीएमसी में अपना महापौर बनाने में कामयाब रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने 4 महीने में चुनाव कराने को कहा : कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के स्थानीय चुनाव पर फैसला देते हुए कहा था कि राज्य सरकार अगले चार महीने में नगर निकाय चुनाव कराने की व्यवस्था करे। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर या नवंबर के महीने में राज्य में तमाम महानगर पालिकाओं और स्थानीय चुनाव का ऐलान किया जा सकता है।
Created On :   20 May 2025 12:34 PM IST