बॉम्बे हाई कोर्ट: विदेश यात्रा से पहले शिल्पा और राज कुंद्रा को जमा करने होंगे 60 करोड़, अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर फटकार

विदेश यात्रा से पहले शिल्पा और राज कुंद्रा को जमा करने होंगे 60 करोड़, अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर फटकार
  • यदि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा विदेश यात्रा करना चाहते हैं, तो उन्हें 60 करोड़ धोखाधड़ी की रकम जमा करनी होगी
  • अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर कुलगांव बदलापुर नगर पालिका (केबीएमसी) के अधिकारियों को लगाई फटकार

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट से अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा को झटका लगा है। अदालत ने कहा कि यदि वह और उनके पति विदेश यात्रा करना चाहते हैं, तो उन्हें 60 करोड़ धोखाधड़ी की जमा करने होंगे। 14 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है। मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ के समतक्ष शिल्पा शेट्‌टी और उनके पति राज कुंद्रा दंपति की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को रद्द करने और विदेश यात्रा पर जाने का अनुरोध किया गया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि शिल्पा शेट्टी 21 से 24 अक्टूबर तक यूट्यूब द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के लिए लॉस एंजिल्स की यात्रा करेंगी। इस पर पीठ ने उनके वकील से सत्यापन के लिए सभी विवरण प्रस्तुत करने को कहा। पीठ ने यह भी कहा कि जांच में सहयोग करने के कारण उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। शिकायतकर्ता ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए राज कुंद्रा की ब्रिटिश-भारतीय राष्ट्रीयता का हवाला दिया, जिससे उनके भागने की संभावना बढ़ गई। इसके बाद पीठ ने कहा कि पूरी राशि इस अदालत में जमा करें। फिर हम आपके अनुरोध पर विचार करेंगे। मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सोमवार को शिल्पा शेट्टी से उनके घर पर चार घंटे तक पूछताछ की थी। शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ 60 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। ईओडब्ल्यू मामले की जांच कर रही है। उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर कुलगांव बदलापुर नगर पालिका (केबीएमसी) के अधिकारियों को लगाई फटकार

उधर बॉम्बे हाई कोर्ट ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर कुलगांव बदलापुर नगर पालिका (केबीएमसी) के अधिकारियों को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि 14 अगस्त 2025 के आदेश का केबीएमसी के मुख्य अधिकारी द्वारा पालन नहीं किया गया है। हमें आश्चर्य है कि एक महीने से अधिक का समय दिया गया था। उस आदेश को मुख्य अधिकारी द्वारा कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई है। जबकि इस न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि किसी भी गैर-अनुपालन को इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश का उल्लंघन माना जाएगा। न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ एस. डॉक्टर की पीठ ने बदलापुर निवासी यशवंत अन्ना भोईर की याचिका पर कहा कि हम चाहते हैं कि अनधिकृत और अवैध निर्माणों की पहचान के संबंध में किसी भी प्रकार की देरी नहीं की जाएगी। इस संबंध में उचित कार्रवाई की नियमित रिपोर्टिंग और रिकॉर्ड न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। पीठ ने केबीएमसी में सुधार समिति के गठन को लेकर राज्य सरकार और कलेक्टर को हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। 21 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है। पीठ ने कहा कि हम केबीएमसी द्वारा पुलिस सहायता से अवैध निर्माण के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई करने की अनुमति देते हैं। जब भी केबीएमसी की ओर से पुलिस की सुरक्षा की मांग की जाती है, तो ठाणे ग्रामीण पुलिस सहायता प्रदान की जाएगी। केबीएमसी क्षेत्र में 80 हजार से अधिक निर्माण हैं। पीठ ने केबीएमसी को अवैध निर्माणों का पता लगाने और कानून के अनुसार उचित कदम उठाने को कहा है। अभी तक 57 अवैध निर्माणों की पहचान की है। इनमें से केबीएमसी ने केवल 6 अनधिकृत निर्माण के खिलाफ तोड़क कार्रवाई की है। पीठ ने कहा कि 19 सितंबर 2025 के आदेश में सुधार समिति के गठन के संबंध में स्पष्ट निर्देश दर्ज किए गए थे, जिसका गठन आदेश की तिथि से दो सप्ताह के भीतर किया जाना था। हम राज्य सरकार और कलेक्टर को निर्देश देते हैं कि वे समिति के गठन के संबंध में उपयुक्त दस्तावेजों को संलग्न करते हुए एक हलफनामा प्रस्तुत करें और यह भी बताएं कि समिति की पहली बैठक कब बुलाई जानी है।

Created On :   8 Oct 2025 8:53 PM IST

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