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Mumbai News: झोपड़पट्टी समूह पुनर्विकास योजना होगी लागू, 424 शहरों में अपशिष्ट जल उपचार-पुनर्चक्रण नीति को मिली मान्यता

- एसआरए नोडल एजेंसी के रूप में करेगा काम
- अपशिष्ट जल उपचार, पुनर्चक्रण नीति को मान्यता, राज्य के 424 शहरों में होगी लागू
Mumbai News. मुंबई में बड़े निजी, सरकारी और अर्धसरकारी भूखंड पर स्थित झोपड़ियों के निर्मूलन के लिए बृहन्मुंबई झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण (एसआरए) के माध्यम से झोपड़पट्टी समूह पुनर्विकास योजना को मंजूरी दी गई है। एसआरए झोपड़पट्टी समूह पुनर्विकास योजना की नोडल एजेंसी होगी। एसआरए कम से कम 50 एकड़ क्षेत्रफल की जमीन तय करेगा। जिसमें 51 प्रतिशत से अधिक झोपड़पट्टी का समावेश होगा। एसआरए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ओर से निर्धारित क्षेत्र का समूह पुनर्विकास के लिए गृहनिर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति और उसके बाद सरकार मंजूरी प्रदान करेगी। समूह पुनर्विकास योजना सरकारी संस्था के साथ संयुक्त उपक्रम अथवा टेंडर प्रक्रिया के जरिए निजी बिल्डर को नियुक्त करने का फैसला उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार सरकार की पूर्व अनुमति से लिया जा सकेगा। केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र वाली जमीनों के लिए यदि अनुमति मिलती है तो संबंधित जमीन को इस योजना में शामिल किया जा सकेगा। निजी जमीन मालिक इस योजना में शामिल हो सकेंगे। तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) जोन-एक और जोन दो के कारण प्रभावित हुई झोपड़पट्टी का भी इस योजना में शामिल किया जा सकेगा।
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अपशिष्ट जल उपचार, पुनर्चक्रण नीति को मान्यता, राज्य के 424 शहरों में होगी लागू
इसके अलावा राज्य के शहरी इलाकों के लिए अपशिष्ट जल उपचार, पुनर्चक्रण नीति-2025 को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। शहरी इलाकों में अपशिष्ट जल (सीवेज) पर उपचार करके उसके पुनर्चक्रण के जरिए अर्थव्यवस्था को गति दी जाएगी। राज्य के 424 स्थानीय निकायों में यह नीति लागू होगी। इस नीति के लिए राज्य के नगरविकास विभाग को समन्वयक नियुक्त किया गया है। इसके लिए नगर विकास विभाग को 500 करोड़ रुपए देने के लिए मान्यता दी गई है। राज्य में 48 प्रतिशत आबादी शहरी इलाकों में रहती है। शहरी इलाकों में पानी की मांग बढ़ रही है। इसके लिए अपशिष्ट जल पर प्रक्रिया करके उसके पुन: उपयोग के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। इस नीति का मुख्य उद्देश्य प्रक्रिया किए गए पानी का दोबारा इस्तेमाल, औष्णिक विद्युत केंद्र, उद्योग, शहरी इस्तेमाल, कृषि सिंचाई के लिए उपयोग है। इस नति को लागू करने के लिए संबंधित मनपा आयुक्त और जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला निगरानी समिति होगी। प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति होगी।
Created On :   7 Oct 2025 9:42 PM IST