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Mumbai News: राज्य की रत्न व आभूषण नीति को मंत्रिमंडल की मंजूरी, एक लाख करोड़ रुपए का होगा निवेश

- पांच लाख नए रोजगार होंगे सृजित
- एक लाख करोड़ रुपए का होगा निवेश
- उद्योगों को मिलेगा रियायत और प्रोत्साहन
Mumbai News. महाराष्ट्र की रत्न व आभूषण नीति-2025 को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तहत एक लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा। साथ ही राज्य में पांच लाख नए रोजगार सृजित हो सकेगा। सोने, चांदी के आभूषण, हीरे और रत्नों से संबंधित उद्योग-व्यवसाय को गति मिल सकेगी। इस नीति की अवधि 2025 से 2030 तक रहेगी। नीति को लागू करने और प्रोत्साहन के लिए 1 हजार 651 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही अगले 20 साल के लिए यानी 2031 से 2050 तक की अवधि के लिए 12 हजार 184 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। यानी कुल 13 हजार 835 करोड़ रुपए के प्रावधान को मान्यता दी गई है। साल 2025-26 में इस नीति को लागू करने के लिए 100 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। इस क्षेत्र का निर्यात 15 अरब डॉलर से बढ़ाकर 30 अरब डॉलर करना नीति का लक्ष्य है। उन्नत प्रौद्योगिकी के जरिए महाराष्ट्र को वैश्विक स्तर पर रत्न और आभूषण उद्योग का एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करना है। रत्न व आभूषण नीति एक व्यापक प्रारूप पर आधारित है। जिसमें आधारभूत सुविधा विकास, नवाचार और कौशल संवर्धन के माध्यम से इस क्षेत्र को मजबूत करने का लक्ष्य है।
उद्योगों को मिलेगा रियायत और प्रोत्साहन
इस नीति के तहत उद्योग समूहों को वित्तीय और अन्य सुविधाओं के लिए रियायत और प्रोत्साहन दिया जाएगा। जिसमें ब्याज अनुदान, ज्यादा निवेश के लिए प्रोत्साहन, मुद्रांक शुल्क में रियायत, बिजली शुल्क और दरों में छूट, समूह विकास, कर्मचारी भविष्य निर्वाह निधि योगदान, कौशल्य विकास सहायता, निर्यात के लिए आवश्यक सुविधा व प्रोत्साहन, ब्रांडिंग-डिजाइनिंग-पैकेजिंग के लिए प्रोत्साहन, एकल खिड़की योजना, प्लग एण्ड प्ले सुविधा, अखंडित बिजली और जलापूर्ति की व्यवस्था, अतिरिक्त एफएसआई समेत अन्य सुविधाएं मिल सकेगी।
क्यों पड़ी नीति की जरूरत
प्रदेश में रत्न व आभूषण क्षेत्र गति से विकसित हो रहा है। राज्य में व्यापार, डिजाइन, तकनीकी और मूल्यवर्धित निर्यात के लिए बड़े मौके निर्माण हो रहे हैं। प्रयोगशाला उत्पादित हीरे, डिजिटल प्लैटफार्म, ब्लॉकचेन ट्रैसेबिलिटी और तकनीकी में बदलाव के कारण आधारभूत सुविधा और कौशल्य को विकसित करने की आवश्यकता है। इसलिए इस नीति को जरूरत थी।
Created On :   7 Oct 2025 10:07 PM IST