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बड़ी राहत: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों के लिए किया 31,628 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान

- एकनाथ शिंदे ने कहा - किसानों की दिवाली काली नहीं होने देंगे
- जमीन बह गई तो मिलेगा 3.47 लाख रुपए तक का मुआवजा
Mumbai News. महाराष्ट्र सरकार ने बाढ़ और अतिवृष्टि से तबाह हुए किसानों के लिए मंगलवार को 31 हजार 628 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद दोनों उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जिन किसानों की जमीन इस तबाही में बह गई उन्हें प्रति हेक्टेयर 47 हजार रुपए नकद मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा रोजगार गारंटी योजना के तहत 3 लाख रुपए तक की सहायता भी दी जाएगी। फडणवीस ने कहा कि राज्य के 29 जिलों की 253 तहसीलों में फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं, जिनका सर्वे जारी है। जल्द ही सर्वे कर राज्य सरकार केंद्र को रिपोर्ट भेजेगी और केंद्र से राहत पैकेज की मांग करेगी। वहीं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार ने सही समय पर फैसला लिया है और हम किसानों की दिवाली काली नहीं होने देंगे। जबकि विपक्ष ने इस राहत पैकेज को टुटपुंजिया मदद बताया है।
जमीन बह गई तो मिलेगा 3.47 लाख रुपए तक का मुआवजा
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस अतिवृष्टि में 60 हजार हेक्टेयर भूमि की उपजाऊ मिट्टी भी बह गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रति हेक्टेयर 47 हजार नकद और नरेगा के तहत 3 लाख की अतिरिक्त सहायता मिलेगी। यानी ऐसे किसानों को कुल 3 लाख 47 हजार रुपए तक की मदद दी जाएगी। फडणवीस ने बताया कि मानसून की शुरुआत में राज्य में कुल 1.43 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी, लेकिन भारी बारिश और बाढ़ के कारण 68 लाख हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। फडणवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उस दावे पर निशाना साधते हुए कहा कि साल 2014 से 2019 के बीच मेरे पहले कार्यकाल में ही किसानों के फसल ऋण माफ किए गए थे। ऐसे में उन्होंने जिन किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की वह कभी हुई ही नहीं। फडणवीस ने मछली पालन करने वाले किसानों के लिए भी 100 करोड़ रुपए के मुआवजे का ऐलान किया।
पैकेज में क्या-क्या मिलेगा?
मदद सहायता राशि (रुपए में) और जमीन बह जाने पर मुआवजा 3.47 लाख (47,000 नकद + 3 लाख नरेगा से)
- दुधारू पशु 37,000 प्रति पशु
- गाद भरे कुएं 30,000 रुपए
- मकान, दुकान 50,000 रुपए
- डोंगरी भाग के घर को अतिरिक्त 10,000 रुपए
- छात्रों की परीक्षा शुल्क माफी
- रबी फसल की तैयारी के लिए 10,000 रुपए प्रति हेक्टेयर
- बीमा न लेने पर 17,000 रुपए प्रति हेक्टेयर
- असिंचित खेती के लिए 35,000 रुपए प्रति हेक्टेयर
- सभी प्रभावित किसानों को अतिरिक्त सहायता 10,000 रुपए प्रति हेक्टेयर
विपक्ष बोला मदद कम है, 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की जरूरत
विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम को अधूरा और कमजोर बताते हुए सभी किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए की सीधी मदद की मांग की है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य सरकार ने एक टुटपुंजिया मदद का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार को और मजबूत कदम उठाने की जरुरत है। सरकार को संपूर्ण कर्जमाफी करने की जरुरत है।
संकट बड़ा है, मदद भी बड़ी होगी- शिंदे
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। यह अंतिम मदद नहीं है। जरूरत पड़ी तो हम और सहायता देंगे। केंद्र सरकार से भी सहायता की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस बार बारिश और नुकसान अभूतपूर्व है। हमारा पैकेज पंजाब और तमिलनाडु से भी बड़ा है। हम केवल घोषणाएं नहीं कर रहे, सीधी मदद देना शुरू कर रहे हैं। राज्य आर्थिक संकट से जूझ रहा है, फिर भी हम किसानों को निराश नहीं करेंगे। हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर सहायता की मांग भी की है। हम किसानों की दिवाली काली नहीं होने देंगे। वहीं अजित पवार ने कहा कि इस राहत पैकेज से आगे बढ़कर भी किसानों की मदद करेंगे।
Created On :   7 Oct 2025 10:18 PM IST