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Mumbai News: विशेष अदालत ने एल्गार परिषद के आरोपी को अंतरिम जमानत देने से किया इनकार

- अदालत ने बीमार पिता से मिलने के लिए कारण लगभग हर वरिष्ठ नागरिक में होना बताया आम
- आरोपी रमेश गाइचोर 2020 से जेल में बंद
Mumbai News. मुंबई की विशेष अदालत ने एल्गार परिषद के आरोपी रमेश गाइचोर को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि उन्होंने अंतरिम जमानत के लिए बीमार पिता से मिलने के लिए जो कारण बताए, वे लगभग हर वरिष्ठ नागरिक में होना सामान्य बात है। एल्गार परिषद मामले में कथित माओवादी संबंध के कारण गाइचोर 2020 से जेल में हैं और उन्होंने अपने पिता से मिलने के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत मांगी थी।
विशेष न्यायाधीश सी.एस.बाविस्कर ने रमेश गाइचोर के आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि कमजोरी, सांस फूलना, भूख न लगना, एसिडिटी और सीने में दर्द के अलावा डॉक्टर के प्रमाण-पत्र में कोई गंभीर बात नहीं बताई गई है। ये सभी लक्षण लगभग हर वरिष्ठ नागरिक में आम हैं। यहां तक कि ये कई युवा पुरुषों में भी आम हैं। किसी भी प्रमाण-पत्र में यह नहीं बताया गया है कि आरोपी के पिता की शारीरिक स्थिति इतनी गंभीर है कि उसे तुरंत अपने पिता से मिलने की आवश्यकता हो।
अदालत ने कहा कि अतीत में इसी मामले में आरोपियों को मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत दी गई है। जैसे कि परीक्षा में शामिल होना या पढ़ाई करना, लेकिन उचित कारण स्थापित होने के बाद ही। शायद इस अदालत के कुछ हद तक उदार दृष्टिकोण और पहले के आदेशों ने इस आरोपी को बिना किसी गंभीर कारण के यह आवेदन दायर करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही अदालत ने कहा कि यह याचिका दाखिल करने के लिए और भावनात्मक आधार पर अदालत को मनाने का मौका लेने के लिए दायर की गई थी।
यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है। इन भाषणों ने कथित तौर पर अगले दिन शहर के बाहरी इलाके में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़काई। इस मामले में गाइचोर और 15 अन्य को गिरफ्तार किया गया था, जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दावा किया था कि आरोपी प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्य थे।
जबकि एक आरोपी स्टेन स्वामी की मुकदमे के दौरान ही मृत्यु हो गई और 9 आरोपी अब जेल से बाहर हैं। गाइचोर समेत 6 आरोपी हिरासत में हैं, जिनमें महेश राउत भी शामिल है। सितंबर 2023 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने राउत को जमानत दे दी थी। राउत अभी भी सलाखों के पीछे है, क्योंकि उसकी जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। गाइचोर की जमानत याचिका हाईकोर्ट में लंबित है।
Created On :   2 July 2025 9:32 PM IST