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Mumbai News: सिंधुदुर्ग में वर्ल्ड क्लास स्कूबा डाइविंग और अंडरवाटर टूरिज्म जल्द उठा सकेंगे लुत्फ

- नौसेना के डीकमिशन्ड जहाज के उपयोग से होगा कृत्रिम रीफ का निर्माण
- वर्ल्ड क्लास स्कूबा डाइविंग और अंडरवाटर टूरिज्म होगा खास
Mumbai News सोमदत्त शर्मा। महाराष्ट्र में जल पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों को लुभाने के लिए सिंधुदुर्ग के विजयदुर्ग में बहुत जल्द विश्व स्तर के स्कूबा डाइविंग और कृत्रिम रीफ की शुरुआत होने वाली है। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार स्कूबा डाइविंग और अंडरवाटर टूरिज्म के शुरू होने से इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा होंगे। पर्यटन को और आकर्षित करने के लिए नौसेना के डीकमिशन्ड जहाज आईएनएस गुलदार के जरिए कृत्रिम रीफ का इस्तेमाल किया जाएगा। पर्यटन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि सिंधुदुर्ग में बने इस स्कूबा डाइविंग और कृत्रिम रीफ का अनुभव विश्व स्तरीय होगा।
विदेशों की तर्ज पर अंडरवाटर टूरिज्म
संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और कई यूरोपीय देशों ने अपने डीकमिशन्ड नौसैनिक जहाजों को डुबोकर कृत्रिम रीफ बनाए हैं। जिससे स्कूबा डाइविंग पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। विभाग के अधिकारी के अनुसार फ्लोरिडा (अमेरिका) में ऐसे कृत्रिम रीफ से हर साल 40 से 50 लाख करोड़ की आमदनी होती है। इसी से प्ररित होकर महाराष्ट्र पर्यटन विभाग ने भारतीय नौसेना के एक डीकमिशन्ड युद्धपोत का उपयोग करके अंडरवाटर पर्यटन की पहल की। जून 2023 में एमटीडीसी ने औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना से उपलब्ध डीकमिशन्ड युद्धपोत आईएनएस गुलदार को बिना किसी लागत के सौंपने का अनुरोध किया। इसके बाद एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई। फरवरी 2024 को भारतीय नौसेना ने गुलदार को राज्य सरकार को सौंपने को हरी झंडी दे दी। नवम्बर 2024 में केंद्र सरकार ने आईएनएस गुलदार पर अंडरवाटर म्यूजियम, कृत्रिम रीफ और स्कूबा डाइविंग के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई। कृत्रिम रीफ के बनने से पर्यटन के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बल मिल सकेगा।
विजयदुर्ग कैसे पहुंचा आईएनएस गुलदार
भारतीय नौसेना ने जहाज को पोर्ट ब्लेयर (अंडमान) से कोच्चि और फिर कर्नाटक के करवार नेवल बेस तक लाने की जिम्मेदारी ली। एमटीडीसी ने 3 फरवरी 2025 को महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड को पत्र लिखकर जहाज को सिंधुदुर्ग जिले के विजयदुर्ग में सुरक्षित खींचकर लाने और उपयुक्त स्थान पर डुबाने की अनुमति मांगी। टग बोट के जरिए विजयदुर्ग तक इस जहाज को खींचकर लाया गया, जिसकी साफ सफाई के बाद अब इसे सही जगह पर डुबोने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके तुरंत बाद इस जहाज से वर्ल्ड क्लास स्कूबा डाइविंग, कृत्रिम रीफ के साथ अंडरवाटर टूरिज्म की शुरुआत हो जाएगी। इस परियोजना पर 40 करोड़ रुपए से अधिक खर्च आएगा।
Created On : 3 Jun 2025 3:38 PM