मुंबई की जर्जर इमारतें बन रहीं हादसे की वजह

मुंबई की जर्जर इमारतें बन रहीं हादसे की वजह
  • मनपा अतिरिक्त आयुक्त का निर्देश
  • जबरन खाली कराएं जर्जर खतरनाक इमारतें
  • 2838 हादसे हुए 10 वर्षों में 277 की गई जान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मानसून शुरु होते ही खतरनाक एवं जर्जर हो चुकी इमारतों का गिरना शुरु हो गया है। दो दिन में तीन हादसे हो गए, जिसमें चार लोगों की जान चली गई। पिछले 10 वर्षों में इमारत गिरने के 2838 हादसे हुए हैं, जिसमें 277 लोगों की जान जा चुकी है। तीन हादसे के बाद बीएमसी ने अपने सभी सहायक आयुक्तों को जर्जर एवं खतरनाक हो चुकी इमारतों में रहने वाले निवासियों को जबरन खाली कराने का निर्देश दिया है।

मुंबई महानगरपालिका ने इस वर्ष 216 अति खतरनाक हो चुकी जर्जर इमारतों की सूची जारी की थी। वर्ष 2022 मानसून पूर्व किए गए सर्वेक्षण में 443 इमारतों को खतरनाक पाया गया था। उनमें से 227 इमारतों को तोड़ दिया, जबकि कुछ को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। अब मुंबई में केवल 216 इमारतें ही खतरनाक रह गई हैं। मुंबई की खतरनाक इमारतों की सूची मनपा और म्हाडा अलग-अलग जारी करती है।

म्हाडा ने जारी की थी 15 खतरनाक इमारतों की सूची

म्हाडा ने भी इस वर्ष 15 जर्जर इमारतों की सूची जारी की है। उन 15 इमारतों में 424 रहिवासी हैं, जबकि 121 दुकानदार। कुल मिलाकर इसमें 545 रहिवासी हैं। म्हाडा रिपेयर बोर्ड ने अनुसार, इन जर्जर इमारतों में रहने वाले 155 निवासियों ने स्वयं अपना घर खाली कर दिया था, जबकि 21 लोग संक्रमण शिविर में भेजे गए हैं। इमारतों में रहने वाले अन्य 222 निवासियों के शिफ्टिंग की व्यवस्था म्हाडा कर रही है।

पांच वर्षों में खतरनाक इमारतें

मनपा ने वर्ष 2018-19 में 619 इमारतों को अति खतरनाक इमारतों की सी 1 श्रेणी में रखा था। वर्ष 2019-20 में 499, वर्ष 2021-22 में 443 और इस वर्ष केवल 216 इमारतें इस सूची में शामिल की गई हैं।

बीएमसी ने कराया था स्ट्रक्चरल ऑडिट

बीएमसी ने खतरनाक हो चुकी इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया था। ऑडिट में 99 इमारतों को मरम्मत करने योग्य बताया गया था। इनमें गुरु तेगबहादुर नगर अंटापहिल की 26 इमारतों को ढहा दिया गया था। कभी दक्षिण मुंबई को सबसे खतरनाक इमारतों की सूची में सबसे ऊपर रखा जाता था, लेकिन पिछले दो वर्ष से पूर्व और पश्चिम उपनगर के इलाके की इमारतों को ज्यादा खतरनाक पाया जा रहा है।

10 से अधिक खतरनाक इमारतों वाले मनपा वार्ड

एच/वेस्ट - बांद्रा पश्चिम: 22

के/पश्चिम -अंधेरी, जुहू: 22

के/पूर्व - अंधेरी व जोगेश्वरी पूर्व : 21

टी/वार्ड - मुलुंड: 17

एन/वार्ड - घाटकोपर: 13

पी/उत्तर - मालाड: 13

डॉ. सुधाकर शिंदे, अतिरिक्त मनपा आयुक्त के मुताबिक जर्जर इमारतों के निवासियों को घर खाली करने में कई दिक्कतें आती है। मानसून शुरु होने के बाद हमने मनपा के सभी 24 सहायक आयुक्तों की बैठक लेकर उन्हें निर्देश दिया कि जो इमारतें रहने लायक नहीं हैं, उन्हें खाली कराएं। इसके लिए पुलिस और मनपा सुरक्षाकर्मियों की मदद लें। अगले कुछ दिनों में सभी खतरनाक इमारतें खाली करा ली जाएंगी।

घाटकोपर इमारत हादसे में 2 की मौत

घाटकोपर में चितरंजन नगर में रविवार को तीन मंजिला इमारत हादसे में 21 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान इमारत में फंसे दो लोगों को निकाल कर राजावाडी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां दोनों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं, घाटकोपर (पूर्व) स्थित माता रमाबाई नगर न्यू मून टाउनशिप कॉलोनी में सोमवार को सुबह एक मकान के ऊपर पड़ोस के मकान की दूसरी मंजिल का हिस्सा गिर गया। इस घटना में दो मकान चपेट में आ गए और एक ही परिवार के चार लोग घायल हो गए।

Created On :   26 Jun 2023 10:13 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story