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मानसून सत्र में सरकार को घेरने की विपक्ष ने बनाई रणनीति
- सरकार के चाय पान का किया बहिष्कार
- सरकार को घेरने की विपक्ष ने बनाई रणनीति
- मानसून सत्र सोमवार से शुरु
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरु हो रहा है। पिछले एक साल में महाराष्ट्र की राजनीति में दो भूकंप आने के बाद राज्य की नई सरकार (शिंदे-फडणवीस-अजित पवार) का यह पहला विधानसभा सत्र है। विरोधी दलों के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में रविवार को राज्य सरकार पर निशाना साधने के लिए रणनीति बनाई गई। मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष के चाय पान का बहिष्कार किया। विपक्ष की इस बैठक में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट), राकांपा (शरद गुट) और दूसरी पार्टियों के नेता भी मौजूद रहे।
विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए मानसून सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सरकार को किन किन मुद्दों पर घेरा जा सकता है उस पर चर्चा की। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि राज्य में किसानों की हालत लगातार खराब होती जा रही है। इसके आलावा सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र में प्याज के किसानों को विशेष अनुदान घोषित किया था लेकिन अभी तक एक रुपया भी किसानों को नहीं मिला है।
दानवे ने कहा कि हर साल कपास की कीमत 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल हुआ करती थी लेकिन आज भाव 6 हजार तक पहुंच गया है। सरकार ने ओलावृष्टि के दौरान भी किसानों को मुआवजा देने का ऐलान किया था लेकिन अभी तक मुआवजा किसानों तक नहीं पहुंचा है। इसके अलावा किसानों की आत्महत्या को रोकने में भी सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है।
राकांपा (शरद गुट) के विधान परिषद में गट नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था का प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। इसके आलावा महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले में बढ़ रहे हैं, जिन पर राज्य सरकार लगाम लगाने में नाकाम साबित हुई है। खड़से ने कहा कि राज्य में पिछले कुछ महीनों में महिलाओं के अपहरण की घटनाएं काफी बढ़ी हैं लेकिन सरकार शामिल प्रमुख दल भाजपा विपक्ष की पार्टियों को तोड़ने में जुटी हुई है।
विधानसभा में कांग्रेस के गटनेता बालासाहेब थोरात ने कहा कि राज्य की मौजूदा सरकार विपक्ष की पार्टियों में फूट डालकर बनी है। लिहाजा इस सरकार का कोई वजूद नहीं है। थोरात ने कहा कि राज्य के मंत्री अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार कर रहे हैं जिससे साबित हो जाता है कि राज्य की मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली सरकार है। मराठा आरक्षण से लेकर धनगर आरक्षण पर भी सरकार सिर्फ घोषणा करती आ रही है। सरकार अभी तक आरक्षण पर कोई फैसला नहीं ले सकी है।
Created On :   16 July 2023 9:40 PM IST