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पेट्रोल, डीजल आए जीएसटी के दायरे में तो कड़े फैसले के लिए रहे तैयार
- उपमुख्यमंत्री अजित पवार बोले
- राजस्व बढ़ाने के लिए उठाने होंगे कठोर कदम
डिजिटल डेस्क, मुंबई. दबी आवाज में चर्चा चल रही है कि पेट्रोल, डीजल को वस्तु एवं सेवा कर में शामिल किया जाएगा अगर ऐसा हुआ तो राजस्व बढ़ाने के लिए कई कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं। वस्तु एवं सेवा कर में संशोधन से जुड़े विधेयक पर चर्चा के दौरान गुरुवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधानसभा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मैंने हाल ही में वित्त मंत्रालय संभाला है। अधिवेशन खत्म होने के बाद आय के स्त्रोत बढ़ाने को लेकर मैं संबंधित विभागों के साथ बैठक करूंगा। कड़े फैसले लेने पड़े तो कैबिनेट में भी सभी को भरोसे में लेना होगा। मुझे उम्मीद है कि राज्य के हित में अगर कड़े फैसले लेने पड़े तो विकास की निधि कम न हो इसलिए कैबिनेट भी कड़े फैसलों को सहमति दे देगी। अजित पवार ने कहा कि कई राज्य पेट्रोल, डीजल को जीएसटी में लाने का विरोध कर रहे हैं इसलिए इससे जुड़ा फैसला आसान नहीं होगा। राकांपा (शरद गुट) के रोहित पवार ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। इससे राजस्व प्रभावित होगा और विकासकार्यों के लिए पैसे की कमी हो सकती है। अजित पवार ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने डीएसटी लागू होने के बाद पांच वर्षों तक राजस्व के नुकसान की भरपाई का वादा किया था इसके मुताबिक 2017 से 2021 तक की पूरी भरपाई आ गई है जबकि वित्तवर्ष 2021-22 और 2022-23 के 11113 करोड़ रुपए आने बाकी है। इस पैसे के लिए बातचीत की जा रही है।
जीएसटी की जांच पीएमएलए के दायरे में आने से कारोबारी चिंतित
वस्तु एवं सेवा कर में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग कानून के तहत जांच और कार्रवाई के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर व्यापारी चिंतित हैं। अधिकारी इस कानून का दुरुपयोग कर सकते हैं। गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में हाल ही में हुई मुलाकात के दौरान मैंने यह मुद्दा उठाया था उन्होंने भी इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने का आश्वासन दिया है। साथ ही मैं भी जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में यह मुद्दा उठाउंगा। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को विधानसभा में यह बात कही। वस्तु एवं सेवा कर में केंद्र सरकार के कानून के मुताबिक बदलावों को विधानसभा में मंजूरी दी गई। अजित पवार ने इससे जुड़ा विधेयक पेश किया जिसे ध्वनिमत से मंजूर कर लिया गया। इसी दौरान कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी को पीएमएलए कानून से जोड़ दिया है जिसके बाद इससे जुड़ा जांच के लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापारियों को डराने के लिए यह प्रावधान किया गया है। मुझे लगता है कि यह हमारे हाथ में नहीं है लेकिन सदन की भावना केंद्र तक पहुंचना चाहिए। जवाब में अजित पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर बड़ी संख्या में लोग चिंतित हैं। देश भर में 1 करोड़ 40 लाख कारोबारी जीएसटी के दायरे में आते हैं। मैं जीएसटी काउंसिल में यह मुद्दा उठाउंगा।
Created On :   20 July 2023 9:13 PM IST