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मुंबई - गोवा महामार्ग पर गड्ढे ही गड्ढे, बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की जमकर ली क्लास
- मुंबई - गोवा महामार्ग पर गड्ढे ही गड्ढे
- पीडल्यूडी के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर और एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर को निर्देश
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा - हाईवे का निरीक्षण कर 4 सप्ताह में रिपोर्ट करें पेश
डिजिटल डेस्क, मुंबई. गोवा-महामार्ग पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को इसको लेकर राज्य सरकार की जमकर क्लास ली। अदालत ने सरकार के पीडल्यूडी के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर और नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआई) के प्रोजेक्ट मैनेजर को हाईवे का निरीक्षण कर चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। अदालत ने सरकार को हलफनामा देने के बावजूद महामार्ग के गड्ढे नहीं भरने पर 50 हजार रुपए का दंड भी लगाया है। दंड की रकम याचिकाकर्ता को दी जाएगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति आरिफ एस.डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को गोवा-महामार्ग पर गड्ढे को लेकर वकील ओवेसी पेचकर की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता पेचकर ने खंडपीठ के समक्ष एक हलफनामा दायर किया, जिसमें 30 जून को 84 किलो मीटर के महामार्ग के पर कासु से इंदरपुर के 42 किलोमीटर के मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हैं। उन्होंने उसके फोटो अपने हलफनामे के साथ समीट किए। याचिकाकर्ता ने कहा कि महामार्ग पर गड्ढों के कारण जिस तरह के हालात हैं, वाहन चालक जान को जोखिम में डाल कर महामार्ग पर सफर कर रहे हैं। सरकार ने दो बार अदालत में हलफनामा दाखिल कर महामार्ग के गड्ढे भरने का आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक गड्ढे भरे नहीं जा सके। खंडपीठ ने सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता वीरेंद्र सराफ से पूछा कि आखिर महामार्ग के गड्ढे क्यों नहीं भरे जा सके? अदालत ने निर्देश दिया कि पीडल्यूडी के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर और एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर को मुंबई-गोवा महामार्ग पर जाकर वहां के वर्तमान हालात का निरीक्षण चार सप्ताह में उसकी रिपोर्ट पेश करें। अदालत ने हलफनामा देकर आश्वासन देने के बावजूद महामार्ग को गड्ढे नहीं भरने पर 50 हजार रुपए का दंड लगाया है। सरकार से वसूली गई दंड की रकम याचिकाकर्ता को दी जाएगी।
Created On :   5 July 2023 7:59 PM IST