मुफ्त यूनिफॉर्म के फैसले में देरी पर उठे सवाल, विद्यार्थियों को अभी कई महीने करना होगा इंतजार

मुफ्त यूनिफॉर्म के फैसले में देरी पर उठे सवाल, विद्यार्थियों को अभी कई महीने करना होगा इंतजार
  • पूरक मांग के जरिए होगा बजट का प्रावधान
  • विद्यार्थियों को अभी कई महीने करना होगा इंतजार
  • मुफ्त यूनिफॉर्म के फैसले में देरी पर उठे सवाल

डिजिटल डेस्क, दुष्यंत मिश्र, मुंबई. विदर्भ को छोड़कर राज्य के दूसरे इलाकों के स्कूल खुलने के 14 दिनों बाद राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य के सरकारी स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म, जूते और मोजे देने का फैसला किया है। अभी फैसले को अमल में लाने में कई महीने लग सकते हैं, जिसके चलते मौजूदा शैक्षणिक सत्र में इसका ज्यादा फायदा विद्यार्थियों को नहीं होगा। सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि इसके लिए पहले से कोई बजट नहीं है और आगामी मानसून सत्र में पूरक मांग के जरिए प्रावधान किया जाएगा। इस साल दूसरे सामानों के लिए 75 करोड़ 60 लाख, जबकि जूते-मोजे आदि के लिए 82 करोड़ 92 लाख रुपए का प्रावधान किया जाएगा। पूरक मांग स्वीकार होने के बाद यूनिफॉर्म और दूसरे सामानों के लिए टेंडर निकाले जाएंगे। ऐसे में विद्यार्थियों के माप की यूनिफॉर्म और जूते उन तक पहुंचाने में कई महीनों का समय लग जाएगा। तब तक अभिभावक यूनिफॉर्म खरीद चुके होंगे।

फैसला लेने में देरी हुई- वर्षा गायकवाड

पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेसी विधायक वर्षा गायकवाड ने कहा कि इससे जुड़ा प्रस्ताव मैंने ही शिक्षा मंत्री रहते तैयार किया था, जिससे विद्यार्थियों के बीच भेदभाव न हो। सरकार ने इसे आगे बढ़ाया मुझे इस बात की खुशी है, लेकिन फैसला लेने में देरी हुई, जिसके चलते इस साल विद्यार्थियों को ज्यादा फायदा नहीं होगा। हो सकता है जब तक विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म मिले ,आधा साल खत्म हो चुका हो। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के शिक्षक विधायक कपिल पाटील ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म देने का फैसला अच्छा है। यह बात सही है कि फैसला थोड़ा पहले लिया गया होता, तो विद्यार्थियों के लिए ज्यादा फायदेमंद होता और उन्हें समय पर यूनिफॉर्म मिल गई होतीं। विदर्भ के स्कूल भी शुक्रवार 30 जून से शुरू हो जाएंगे। ऐसे में यहां के विद्यार्थियों को भी समय पर यूनिफॉर्म नहीं मिल पाएगी। राकांपा के प्रवक्ता अमोल मातेले ने कहा कि मौजूदा सरकार इसी तरह काम करती है। फैसले में देरी और अनाप-शनाप खर्च इसकी पहचान है। यूनिफॉर्म से जुड़े फैसले को लेकर जो देरी हुई है, उसके चलते विद्यार्थियों को इस साल इसका कोई फायदा नहीं होगा।

क्या है फैसला

राज्य में अब तक अनुसूचित जाति, जनजाति, घुमंतू जनजातियों और गरीबी रेखा के नीचे के विद्यार्थियों को मुफ्त यूनिफॉर्म और जूते-मोजे दिए जाते थे। लेकिन राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बिना किसी भेदभाव के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म और जूते-मोजे दिए जाएंगे।

Created On :   29 Jun 2023 10:02 PM IST

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