सीएम मेरा स्कूल सुंदर स्कूल: देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने में शिक्षा की भूमिका अहम-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने में शिक्षा की भूमिका अहम-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
  • प्रतिस्पर्धा के इस युग में राज्य के छात्र पीछे न रह जाएं
  • देश को 2047 तक आर्थिक महाशक्ति बनाने में शिक्षा की भूमिका अहम

डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रतिस्पर्धा के इस युग में राज्य के छात्र पीछे न रह जाएं इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। देश को 2047 तक आर्थिक महाशक्ति बनाने में शिक्षा की भूमिका अहम है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस क्षेत्र पर नजर रख रहे हैं। विद्यार्थियों में शिक्षा को लेकर उत्साह बढ़े इसीलिए राज्य में ‘मुख्यमंत्री मेरा स्कूल सुंदर स्कूल’ प्रतियोगिता शुरू की गई थी जिसके नतीजे उत्साहजनक रहे और इस दौरान गतिविधियों को तीन रिकॉर्ड बने जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने प्रमाणित किया है। प्रतियोगिता के बाद विजेता स्कूलों को पुरस्कार देते समय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को यह बात कही। मुख्यमंत्री ने 1 जनवरी से 15 फरवरी के बीच हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर समेत सभी संबंधित लोगों को बधाई दी। कार्यक्रम के दौरान विधायकों कपिल पाटील, विक्रम काले, शेखर निकम, राजेश पाटील के साथ वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। प्रतियोगिताओं में एक लाख से ज्यादा स्कूलों के दो करोड़ से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि स्कूलों को मान्यता देने की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है साथ ही देखभाल और मरम्मत के लिए 75 हजार स्कूलों को दत्तक देने की योजना शुरू की गई है। स्कूलों में दिए जाने वाले पोषण आहार में अंडा शामिल किया गया है। शिक्षा को रोजगार परक करने पर जोर देने के लिए जर्मनी के साथ समझौता किया गया है।

तीन गतिविधियों में रिकॉर्ड

प्रतियोगिता के दौरान कुल 13 लाख 84 हजार 426 विद्यार्थियों ने पढ़ने की आदत डालने की शपथ ली। 24 घंटे में 11 लाख 20 हजार 386 विद्यार्थियों ने शिक्षा को लेकर नोट लिखकर अपलोड किए। साथ ही यूट्यूब वीडियो पर एक साथ 1 लाख 89 हजार 846 विद्यार्थियों ने अभिभावकों के साथ शिक्षा मंत्री दीपक केसकर की विजेताओं के ऐलान का सीधा प्रसारण देखा। तीनों गतिविधियों को रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।

इन्हें मिला पुरस्कार

मुख्यमंत्री शिंदे के हाथों मंगलवार को स्कूलों को 66 करोड़ 74 लाख के पुरस्कार बांटे गए। सरकारी स्कूलों में वाशिम जिले के जिला परिषद स्कूल साखरा और निजी स्कूलों में एस्पेलियर हेरिटेज स्कूल (बेलगाव ढगा) को प्रथम पुरस्कार दिए गए। दोनों स्कूलों को 51-51 लाख के इनाम दिए गए। कार्यक्रम के दौरान कुल 48 स्कूलों को पुरस्कार दिए गए।

जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज अध्यासन केंद्र के लिए राज्य सरकार देगी 10 करोड़

उधर दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति महाराज के शासन के तौर तरीकों अध्ययन कर सकेंगे। इसके लिए छत्रपति शिवाजी महाराज अध्यासन(अध्ययन) केंद्र शुरू किया जाएगा। केंद्र के जरिए छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन के दौरान आंतरिक सुरक्षा, पश्चिमी हिंद महासागर में मराठा नौसेना की रणनीति, गुरिल्ला वार के तरीके, किलो की सुरक्षा के लिए तैयार की गई रणनीति, मराठा इतिहास के बारे में जानकारी हासिल की जा सकेगी। केंद्र में मराठी भाषा में प्रमाणपत्र, डिप्लोमा के साथ मराठा समाज की व्यूहरचना, किलों और किलेबंदी पर डिप्लोमा से लेकर पीएचडी तक की जा सकेगी। राज्य का सांस्कृतिक कार्य विभाग केंद्र के लिए 10 करोड़ रुपए देगा। हालांकि स्पष्ट किया है कि इस रकम का इस्तेमाल किसी सरकारी बैंक में सावधि जमा के रूप में किया जाएगा और इससे मिलने वाले ब्याज से अध्ययन केंद्र से जुड़ा कामकाज किया जाएगा। राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से जारी शासनादेश में साफ किया गया है कि अगर पाठ्यक्रमों के लिए किसी तरह की अतिरिक्त राशि की जरूरत होगी तो उसका इंतजाम विश्वविद्यालय प्रशासन को करना होगा। भाजपा नेता आशीष शेलार ने इस मामले में सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि जिस विश्वविद्यालय परिसर में भारत तेरे टुकड़े हो हजार जैसे नारे लगे थे वहीं छत्रपति शिवाजी महाराज और हर हर महादेव का जयघोष होगा। बता दें कि पिछले वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के मौके पर अखिलभारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और दक्षिणपंथी पार्टियों के छात्र संगठन के बीच विवाद हुआ था। एबीवीपी के छात्रों का आरोप था कि दक्षिणपंथी छात्र संगठनों से जुड़े विद्यार्थियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर फेंक दी थी।

Created On :   5 March 2024 4:35 PM GMT

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