होगा अमल!: कागजों में ही रह गया महाविद्यालयों की कक्षा शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने का नियम

कागजों में ही रह गया महाविद्यालयों की कक्षा शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने का नियम
  • आदेश पर अमल की उठी मांग
  • महाविद्यालयों की कक्षा शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने का नियम

डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र, छात्रों में देशभक्ति की भावना मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने 15 फरवरी 2020 को एक शासनादेश जारी किया था जिसके तहत राज्य के सभी महाविद्यालयों में पढ़ाई शुरू करने से पहले राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य किया गया था लेकिन यह आदेश कागजों तक ही सीमित रह गया। फिलहाल लगभग सभी महाविद्यालयों ने इस आदेश को भुला दिया है और सामान्य ढर्रे पर उतर आई है। मुंबई के एक प्रतिष्ठित महाविद्यालय स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा ने बताया कि कभी कोई सेमीनार आदि हो या विशेष अवसर हो तो ही राष्ट्रगीत बजाया जाता है। सामान्य दिनों में मेरी कक्षा सुबह 7 बजे शुरू होती है लेकिन कभी राष्ट्रगान नहीं गाया गया। मुंबई के एक प्रोफेसर ने भी इसकी पुष्टि की उन्होंनें कहा कि सरकार आदेश जारी कर देती है लेकिन उसकी व्यवहारिकता पर ध्यान नहीं देती। इस तरह का फैसला स्कूलों में लागू करना आसान है लेकिन डिग्री कॉलेज में इसका पालन करना बेहद मुश्किल है। स्कूलों की तरह महाविद्यालयों में सभी वर्ग की कक्षाएं एक साथ भी नहीं शुरू होतीं इससे भी परेशानी होती है। मामले में एजुकेशन एक्टिविस्ट अमर एकाड ने राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशकों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि महाविद्यालयों को इस आदेश पर अमल के निर्देश लगाए जाएं।

शिवाजी जयंती से लागू हुई थी नीति

उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली महाराष्ट्र सरकार में उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे उदय सामंत ने स्कूलों की तहत महाविद्यालयों में राष्ट्रगीत अनिवार्य करने का फैसला किया था। इस योजना को राज्य के महाविद्यालयों में 19 फरवरी यानी छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के मौके पर शुरू की गई थी। लेकिन समय के साथ योजना ठंडे बस्ते में पहुंच गई।

स्कूलों में गुड मार्निंग की जगह बोलें जय हिंद

अमर एकाड ने यह भी मांग की है कि हरियाणा की तर्ज पर महाराष्ट्र के स्कूलों में भी गुड मार्निग की जगह जयहिंद बोलने का नियम लागू किया जाए। एकाड ने कहा कि हरियाणा सरकार 15 अगस्त से अपने स्कूलों के लिए यह नियम ला रही है। महाराष्ट्र सरकार को भी चाहिए कि इसी तरह का नियम बनाए इससे विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम की भावना मजबूत होगी। बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के सरकारी अधिकियों और कर्मचारियों के लिए आदेश जारी हो चुका है कि वे फोन उठाने के बाद हेलो की जगह वंदे मातरम बोले। गांधी जयंती के मौके पर यानी 2 अक्टूबर 2022 से यह नियम लागू है।



Created On :   11 Aug 2024 9:51 PM IST

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