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शरद पवार ने कहा - भाजपा और शिवसेना के हिंदुत्व में फर्क है
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने राकांपा (अजित गुट) का नेतृत्व करने वाले तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर जोरदार हमला बोला है। पवार ने अजित का नाम लिए बिना कहा कि उनकी बैठक के मंच पर सबसे बड़ी तस्वीर (फोटो) मेरी लगी थी। क्योंकि उन्हें मालूम है कि मेरी (शरद) तस्वीर के बिना उनका (अजित) का सिक्का नहीं चल सकता है। उन्हें पता है कि उनका सिक्का असली नहीं है। उनका सिक्का खनक नहीं सकता है। लोग पहचान जाएंगे कि उनका सिक्का नकली है। इसलिए इस अड़चन से बचने के लिए मेरी तस्वीर का इस्तेमाल किया जा रहा है। शरद ने अजित पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने बीते दिनों एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए कहा था कि मैंने महाराष्ट्र के इतिहास में ऐसा मुख्यमंत्री नहीं देखा है। अब उन्हें ऐसे मुख्यमंत्री (शिंदे) के सामने हाथ जोड़कर काम करने की नौबत आ गई है। बुधवार को राकांपा (शरद गुट) की बैठक यशवंतराव चव्हाण सेंटर में हुई। जिसमें शरद गुट ने जोरदार शक्तिप्रदर्शन किया। पवार ने कहा कि अजित गुट ने राकांपा पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह पर दावा किया है। पर मैं पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह नहीं जाने दूंगा। पूरे देश को मालूम है कि चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और निशान किसको आवंटित किया था। लेकिन यह भी सच है कि चुनाव चिन्ह से देश की राजनीति तय नहीं होती है। पवार ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से दो बैलों की जोड़ी, चरखा, गाय और बछड़ा, बैलगाड़ी, हाथ और उसके बाद घड़ी चिन्ह पर चुनाव लड़ चुका है। पवार ने कहा कि पार्टी से कुछ विधायक दूर चले गए हैं। उनसे मेरी कोई शिकायत नहीं है। लेकिन मुझे दुख है कि उन्होंने पार्टी और अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को विश्वास में लिए बिना यह फैसला लिया है। यदि वे पार्टी में चर्चा करके फैसला लेते तो ज्यादा अच्छा होता। फिर भी मुझे उनके बारे में कुछ नहीं बोलना है।
पवार ने कहा कि नाशिक में पुलिस में राकांपा के कार्यालय पर अजित गुट ने कब्जा कर लिया है। लेकिन यह उचित नहीं है। पवार ने दावा किया कि भाजपा और अजित के नेतृत्व वाले गुट का गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब, तेलंगाना और बिहार सहित दूसरे राज्यों में भाजपा का क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन टूट गया है। भाजपा जिसकी साथ में गठबंधन करती है उसके साथ कुछ महीनों तक अच्छे से सरकार चलाती है। इसके बाद अपने सहयोगी दल को बर्बाद करने की रणनीति पर काम करती है। इसलिए भाजपा ने दूसरे राज्यों में जो हाल अपने गठबंधन दल का किया है वही हाल महाराष्ट्र में भी करेगी। पवार ने कहा कि अजित कहते हैं कि उनका भाजपा के साथ गठबंधन करने का फैसला गलत नहीं है क्योंकि मैंने साल 2019 में शिवसेना के साथ गठबंधन किया था। लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपतकाल लागू करने के फैसले का शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे ने समर्थन किया था। आपताकल के बाद शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ एक भी उम्मीदवार नहीं उतारा था। पवार ने कहा कि मुझे आरोप लगाया गया कि मैंने साल 1978 में पुलोद सरकार बनाई थी। पर उस समय मैंने भाजपा नहीं बल्कि जनता पार्टी की मदद से सरकार बनाई थी। पवार ने कहा कि मैंने देश की सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर नागालैंड की सरकार को समर्थन देने का फैसला लिया है। वहां पर राकांपा के विधायक सरकार में शामिल नहीं है केवल सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं। लेकिन नागालैंड का उदाहरण देने वाले लोग महाराष्ट्र की सरकार में जाकर बैठ गए हैं। पवार ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा है। पवार ने कहा कि फडणवीस ने कहा था कि अलग विदर्भ किए बिना मैं विवाह नहीं करूंगा। लेकिन उन्होंने पृथक विदर्भ बनाने के वादे को पूरा नहीं किया है। वे बिना कारण राज्य की एकता में सेंध लगाने की कोशिश करते हैं।
भाजपा और शिवसेना के हिंदुत्व में फर्क है
पवार ने कहा कि भाजपा और शिवसेना (उद्धव गुट) के हिंदुत्व में फर्क है। शिवसेना का हिंदुत्व सर्वसमावेशीय है। सभी जाति और धर्मों को साथ लेकर जाने वाला है। लेकिन भाजपा का हिंदुत्व विभाजनवादी, विषारी और मनुवादी है। भाजपा का हिंदुत्व दो समुदायों में द्वेष और अंतर बढ़ाने वाला है।
राकांपा (शरद गुट) की बैठक में शामिल विधायक
1) जयंत पाटील
2) जितेंद्र आव्हाड
3) अनिल देशमुख
4) रोहित पवार
5) राजेंद्र शिंगणे
6) बालासाहेब पाटील
7) प्राजक्त तनपुरे
8) राजेश टोपे
9) किरण लहामाटे
10) संदीप क्षीरसागर
11) अशोक पवार
12) मानसिंह नाईक
13) सुनील भुसारा
14) चेतन तुपे
15) अतुल बेनके
16) सुमन पाटील
Created On :   6 July 2023 1:00 AM IST