एक व्यक्ति के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 110 के तहत कारण बताओ नोटिस रद्द

एक व्यक्ति के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 110 के तहत कारण बताओ नोटिस रद्द
  • बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला
  • सीआरपीसी की धारा 110 के तहत कारण बताओ नोटिस रद्द

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस के एक व्यक्ति के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 110 के तहत कारण बताओ नोटिस को रद्द कर दिया है। अदालत ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत बाहरी प्राधिकारी के पास सीआरपीसी की धारा 110 के तहत कारण बताओ नोटिस के लिए सहायक पुलिस आयुक्त ( कार्यकारी मजिस्ट्रेट) से संपर्क करने के लिए पुलिस को निर्देश देने की कोई शक्ति नहीं है।

न्यायमूर्ति सारंग वी. कोतवाल की एकलपीठ ने कहा कि एक बार जब किसी व्यक्ति के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 59 के तहत प्रक्रिया जारी हो जाती है, तो निर्वासन की कार्यवाही को छोड़ने के अलावा कोई अन्य आदेश पारित नहीं किया जा सकता है।

अदालत ने पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) द्वारा पारित एक आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें डीसीपी ने गौतम दायमा नामक व्यक्ति के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 110 के तहत कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया था। इसके बाद सहायक पुलिस आयुक्त ( कार्यकारी मजिस्ट्रेट) ने उस व्यक्ति को सीआरपीसी की धारा 110 (जी) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

1 मार्च, 2018 को निर्मल नगर पुलिस स्टेशन से दायमा को पुलिस अधिनियम की धारा 59 के तहत एक नोटिस दिया गया था, जिसमें उसने यह बताने के लिए कहा गया था कि उन्हें मुंबई शहर, मुंबई उपनगरीय, नवी मुंबई और ठाणे जिलों से बाहर क्यों नहीं किया जाना चाहिए। दायमा ने डीसीपी के आदेश और कारण बताओ नोटिस को चुनौती देते हुए वर्तमान याचिका दायर की थी। अदालत ने कहा कि डीसीपी की व्यक्तिपरक सन्तुष्टि उनके आदेश के ऑपरेटिव भाग से काफी अलग है, जो दिमाग का गैर-प्रयोग दर्शाता है। डीसीपी का आदेश पुलिस अधिनियम की धारा 56(1) के दायरे से बाहर है।

Created On :   2 July 2023 4:28 PM IST

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