- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- राज्य चुनाव आयोग ने मनपा चुनावों को...
राज्य चुनाव आयोग ने मनपा चुनावों को लेकर आ रही खबरों का किया खंडन
- मनपा चुनावों को लेकर आ रही खबरों का खंडन
- सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है स्थानिय निकाय चुनाव पर रोक
- खबरों का खंडन राज्य चुनाव आयोग ने किया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर मीडिया में आ रही खबरों को खंडन किया है। राज्य चुनाव आयोग आयुक्त यूपीएस मदान ने शुक्रवार को कहा कि 5 जुलाई को स्थानीय निकाय चुनावों के संदर्भ में वोटर लिस्ट को लेकर कट ऑफ डेट जारी किया गया है। इसका यह अर्थ नहीं कि मनपा चुनावों को लेकर कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव को छोड़ कर सभी स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया है। इस लिए फिलहाल चुनाव कार्यक्रम घोषित करने का सवाल ही नहीं उठता।
मदान ने कहा कि स्थानिय निकाय चुनावों के लिए अलग से मतदाता सूची नहीं तैयार की जाती। इसके लिए विधानसभा चुनाव वाली मतदाता सूची को वार्ड वार विभाजित किया जाता है। आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और उप चुनावों के लिए विधानसभा चुनाव वाली मतदाता सूची के इस्तेमाल के लिए कट ऑफ डेट निश्चित किया जाता है। आगामी चुनावों के मद्देनजर 1 जुलाई कट ऑफ डेट निश्चित करने के लिए5 जुलाई को अधिसूचना जारी की गई है। श्री मदान ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए अपडेट वोटर लिस्ट का इस्तेमाल हो सके इसके लिए समय-समय पर कट ऑफ डेट निश्चित किया जाता है। इसी को लेकर यह अधिसूचना जारी की गई है। इसको चुनाव कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं है। अधिसूचना मेंशामिल कालावधि के दौरान चुनाव न होने पर फिर से नई कट ऑफ डेट निश्चित करने के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी।
18 जुलाई की सुनवाई पर नजर
मुंबई महानगरपालिका के अलावा नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली, मीरा-भायंदर, नागपुर सहित राज्य की 24 महानगरपालिकाओं के चुनाव होने हैं। इन महानगरपालिकाओं के कार्यकाल समाप्त हुए एक साल से ज्यादा का वक्त बीत गया है। पर मामला अदालत में होने के कारण चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। तत्कालिन उद्धव ठाकरे सरकार ने बीएमसी में चुनाव वार्डों की संख्या 227 से बढ़ा कर 236 कर दिया था। बाद में सत्ता परिवर्तन के बाद शिंदे सरकार ने वार्डों की संख्या फिर से 227 कर दी। शिंदे सरकार के फैसले को बांबे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने शिंदे सरकार के फैसले को सही माना। जिसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।इसके अलावा मनपा चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसकी अगली सुनवाई 18 जुलाई, 2023 को होगी।
Created On :   7 July 2023 8:44 PM IST