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बॉम्बे हाईकोर्ट: भाजपा सांसद नारायण राणे को जारी समन, याचिका में निर्वाचन को दी है चुनौती
- 12 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई
- भाजपा सांसद नारायण राणे को जारी समन
- शिवसेना (उद्धव गुट) के उम्मीदवार विनायक राउत की याचिका
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा सांसद (सांसद) नारायण राणे को शिवसेना (उद्धव गुट) के उम्मीदवार विनायक राउत के दायर याचिका पर समन जारी किया है। याचिका में सिंधुदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र से 18वीं लोकसभा के लिए राखे के निर्वाचन को चुनौती दी है। 12 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की एकल पीठ के समक्ष विनायक राउत की ओर से वकील असीम सरोदे की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में सिंधुदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र से राणे के सांसद निर्वाचन पर रोक लगाने और नया निर्वाचन कराने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने कानून के अनुरूप राणे समेत सभी प्रतिवादियों को समन जारी किया है। 12 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है। लोकसभा चुनाव में राणे को 448514 वोटों के साथ निर्वाचित घोषित किया गया। जबकि राउत को 400656 वोट मिले थे।
याचिकाकर्ता के वकील असीम सरोदे ने आरोप लगाया है कि राणे और प्रचार करने वाले विशेष रूप से उनके बेटे नितेश राणे ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन किया है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक भाषण देकर राणे के बेटे नितेश ने आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 का उल्लंघन किया है। जबकि आदर्श आचार संहिता अवधि के दौरान सार्वजनिक भाषणों पर रोक लगाती है।
सरोदे ने दलील दी कि उस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव 7 मई को हुए थे, लेकिन राणे, उनके बेटे और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने भाषण जारी रखे और मतदाताओं को लुभाने के लिए 'उपहार' बांटे। जिस भाषण पर राउत ने आपत्ति जताई है, वह नितेश का था, जिसने कथित तौर पर सरपंचों के एक समूह को संबोधित करते हुए किसी भी कीमत पर वोट मांगे और उन्हें धमकी दी कि अगर वे उनके पिता के लिए अधिक वोट नहीं जुटा पाए, तो वे धन रोक देंगे। वकील सरोदे ने यह भी दलील दी कि यह न केवल राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों की, बल्कि चुनाव अधिकारियों की भी जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि किसी भी कीमत पर एमसीसी का उल्लंघन न हो। हालांकि इस मामले में जब उन्होंने अधिकारियों को शिकायत पत्र लिखा, तो हमें जवाब मिला कि प्रतिवादियों द्वारा एमसीसी या आरपी अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया गया है।
Created On :   16 Aug 2024 9:41 PM IST