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उद्धव ठाकरे गुट फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट - शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता पर शीघ्र निर्णय लेने के निर्देश की मांग
- उद्धव ठाकरे गुट फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
- राज्यपाल मनोनीत 12 विधान परिषद सदस्यों की नियुक्ति मामले पर जल्द हो सुनवाई
- लंबित अयोग्यता पर शीघ्र निर्णय लेने के निर्देश की मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना ठाकरे गुट ने मंगलवार को शिवसेना शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता के मामले में शीघ्र निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। ठाकरे गुट ने यह याचिका का ऐसे समय में दायर की है जब एनसीपी के नेता अजीत पवार सहित आठ विधानसभा सदस्य शिंदे- फडणवीस सरकार में शामिल हुए है।
द्धव गुट के विधायक सुनील प्रभु द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने 11 मई को विधानसभा अध्यक्ष को विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर उचित अवधि के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद विधानसभा अध्यक्ष ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। जबकि याचिकाकर्ता इस संबंध में स्पीकर को तीन ज्ञापन दे चुके है। प्रभु ने तर्क दिया कि अयोग्यता की कार्यवाही पर निर्णय लेने में स्पीकर की निष्क्रियता संवैधानिक अनौचित्य का गंभीर मामला है। क्योंकि उनकी निष्क्रियता मुख्यमंत्री सहित उन विधायकों को विधानसभा में बने रहने और सरकार में जिम्मेदार पदों पर बने रहने की अनुमति दे रही है, जो अयोग्य ठहराए जा सकते हैं।
राज्यपाल मनोनीत 12 विधान परिषद सदस्यों की नियुक्ति मामले पर जल्द हो सुनवाई
महाराष्ट्र में राज्यपाल मनोनीत 12 विधायकों की नियुक्ति मामले पर सुनवाई की तारीख जल्द मिलने के लिए मंगलवार को राज्य सरकार ने सीजेआई के समक्ष मामले का उल्लेख किया था, लेकिन कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए उचित समय पर तारीख देने की बात कही है। लिहाजा 12 विधान परिषद सदस्यों की नियुक्ति के मुद्दे पर अदालत का स्थगन आदेश जारी रहेगा। महाराष्ट्र सरकार के वकील सिद्धार्थ धर्माधिकारी के मुताबिक अगले 3-4 दिन में मामले की सुनवाई की तारीख मिल सकती है।
इससे पहले मामले पर 26 सितंबर 2022 के बाद फिर 21 मार्च 2023 को सुनवाई हुई थी। उस दौरान अदालत ने राज्य सरकार को काउंटर एफिडेविट दाखिल करने के आदेश दिए थे, लेकिन 21 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान भी राज्य सरकार ने हलफनामा दायर नहीं किया और इसे दाखिल करने के लिए और दो सप्ताह का समय मांगा था। तब से मामले पर सुनवाई की तारीख निश्चित नहीं होने के कारण लंबित पड़ा है।
Created On :   4 July 2023 8:23 PM IST