शारदीय नवरात्र: तीसरे दिन देवी चंद्रघण्टा की पूजा

तीसरे दिन देवी चंद्रघण्टा की पूजा
  • वी चंद्रघण्टा की पूजा
  • तीसरे दिन होता है पूजन

डिजिटल डेस्क, मुंबई. मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप है चंद्रघंटा। शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन इन्हीं का पूजन किया जाता है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है इसलिए इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। माता का शरीर स्वर्ण के समान आभायुक्त है। इनकी दस भुजाएं हैं, सभी भुजाओं में आयुध धारण किए हुए हैं। सिंह वाहिनी माता चंद्रघंटा की मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है। इनके घंटे की प्रचंड ध्वनि से दानव हमेशा कंपित रहते हैं। नवरात्र के तीसरे दिन साधक का मन ‘मणिपुर चक्र' में प्रविष्ट होता है। माता की कृपा से उपासक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। आज माता की उपासना इस मंत्र से की जाएगी।

पिण्डजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

Created On :   17 Oct 2023 6:00 AM IST

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