आरटीआई: इंडियन साइंस कांग्रेस पर 24 करोड़ खर्च, केंद्र ने 6 करोड़ और राज्य ने दिए 5 करोड़

इंडियन साइंस कांग्रेस पर 24 करोड़ खर्च, केंद्र ने 6 करोड़ और राज्य ने दिए 5 करोड़
  • 108वें इंडियन साइंस कांग्रेस पर 24 करोड़ 27 लाख 39 हजार 132 रुपए खर्च
  • सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से उद्धाटन किया

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित 108वें इंडियन साइंस कांग्रेस पर 24 करोड़ 27 लाख 39 हजार 132 रुपए खर्च किए गए। यह परिषद आयोजित करने के लिए केंद्र सरकार ने 6 करोड़ और राज्य सरकार ने 5 ऐसे कुल 11 करोड़ रुपए दिए। इसका मतलब नागपुर विश्वविद्यालय खुद की ओर से 13 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करना पड़ा, यह जानकारी सूचना अधिकार के तहत सामने आई है।

मोदी ने उद्धाटन किया था

सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने सूचना अधिकार के तहत 108वें इंडियन सायंस कांग्रेस पर किए गए खर्च के बारे में विभिन्न सवाल पूछे थे। जवाब देते हुए विश्वविद्यालय के जन सूचना अधिकारी ने यह जानकारी दी। नागपुर विश्वविद्यालय को पिछले वर्ष 108वें इंडियन साइंस कांग्रेस होस्ट करने का मौका मिला था। विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए आयोजित इस परिषद का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से उद्धाटन किया था। इस इंडियन साइंस कांग्रेस कार्यक्रम में होटल, ट्रांसपोर्ट, प्रोग्राम मैनेजमेंट, प्रिंटिंग और अन्य मामलों पर 24 करोड़ 27 लाख 39 हजार 132 रुपए खर्चा किया गया।

16,500 प्रतिनिधि हुए थे सहभागी

इंडियन साइंस कांग्रेस में फैकल्टी प्रतिनिधि, छात्र, वीवीआईपी, वीआईपी, वक्ता, मीडिया प्रतिनिधि, युनिवर्सिटी स्टाफ ऐसे 8 हजार 29 प्रतिनिधि सहभागी हुए थे। इसके अलावा ट्रायबल साइंस कांग्रेस, वुमेन साइंस कांग्रेस और फार्मर मीट में 8 हजार 476 ऐसे कुल 16 हजार 505 प्रतिनिधि सहभागी हुए थे।

साइंटिफिक अप्रोच से बढ़ रहा है भारत

भारतीय विज्ञान कांग्रेस में पीएम मोदी ने कहा था कि भारत स्टार्टअप्स में शीर्ष 3 देशों में शामिल है। 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान पर थे, लेकिन 2022 में हम 40वें स्थान पर पहुंच गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत की वैज्ञानिक समुदाय भारत को 21वीं सदी में वो मुकाम हासिल कराएगी जिसका वो हमेशा हकदार रहा है। पीएम मोदी ने कहा था कि 21वीं सदी के आज के भारत में हमारे पास दो चीजे हैं। पहली डेटा और दूसरी तकनीक है। इन दोनों में भारत के विज्ञान को नई बुलंदियों में पहुंचाने की ताकत है।

Created On :   24 Jan 2024 11:44 AM GMT

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