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राकांपा में असंतुष्ट कभी उधर, कभी इधर
- मान-मनौव्वल के बाद बीआरएस से होने लगी वापसी
- जावेद के बाद रुपेश भी पार्टी में लौटे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रवादी कांग्रेस में असंतुष्टों को मनाने का प्रयास चल रहा है। बीआरएस अर्थात भारत राष्ट्र समिति में शामिल होने के 3 दिन बाद रुपेश पन्नासे ने राकांपा में वापसी कर ली है। इससे पहले राकांपा अल्पसंख्यक सेल के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जावेद हबीब भी पार्टी में लौट आए। सुखदेव वंजारी सहित अन्य पदाधिकारियों को भी मनाया जा रहा है। राकांपा में नेतृत्व व दायित्व के विषय को लेकर कुछ पदाधिकारियों ने असंतोष व्यक्त किया था।
बीआरएस का दुप्पटा धारण किया
जावेद हबीब ने करीब 20 दिन पहले राकांपा छोड़ दी थी। वे बीआरएस में शामिल होने की तैयारी में थे। बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव की उपस्थिति में शहर में कार्यकर्ता सम्मेलन में जावेद बीआरएस में प्रवेश लेने वाले थे, लेकिन बीआरएस के कार्यक्रम के एक दिन पहले ही जावेद को मुंबई ले जाया गया। प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील, पूर्व मंत्री अनिल देशमुख व प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण कुंटे की उपस्थिति में जावेद ने राकांपा में वापसी की। राकांपा के शहर उपाध्यक्ष रुपेश पन्नासे ने सुखदेव वंजारी के साथ बीआरएस में प्रवेश लिया था। बीआरएस नेता व विधायक बालका सुमन की उपस्थिति में बीआरएस में प्रवेश के बाद रुपेश व सुखदेव ने सुरेश भट सभागृह में के. चंद्रशेखर राव के हाथ बीआरएस का दुपट्टा धारण किया था।
दुनेश्वर पेठे के कारण असंतोष
राकांपा में वापसी के विषय में रुपेश ने कहा है कि वे पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के समर्थक हैं। जिला ग्रामीण में राकांपा के विस्तार कार्यक्रम में योगदान देने के लिए उन्होंने बीआरएस को छोड़ दिया है। उधर राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण कुंटे ने कहा है कि शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे की कार्यशैली के कारण पार्टी कार्यकर्ता व पदाधिकारियों में असंतोष है। उस असंतोष को दूर किया जा रहा है। राकांपा के शहर अध्यक्ष पेठे ने कहा है कि संगठन में कार्यकर्ताओं की महत्वाकांक्षाएं रहना स्वाभाविक है। असंतोष के कई कारण हो सकते हैं। सभी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के सहयोग से ही संगठन कार्य को बढ़ाया जा रहा है।
Created On :   19 Jun 2023 8:35 PM IST