दूध की कमी को दूर करने मिला रहे पानी, या फिर थमा रहे नकली

दूध की कमी को दूर करने मिला रहे पानी, या फिर थमा रहे नकली
  • नागपुर शहर में रोजाना 2.88 लाख लीटर दूध की कमी
  • असली या नकली , बाजार में आसानी से मिल रहा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दूध के दाम में आए दिन वृद्धि हो रही है। बढ़ती महंगाई की वजह से गरीब परिवार के बच्चों को दूध नसीब नहीं हो रहा, पर क्या जिन्हें दूध नसीब हो रहा है, वह दूध ही है। सवाल इसलिए कि नागपुर की आबादी 35 लाख से अधिक मानी जाती है और विशेषज्ञों के मुताबिक सेहत के लिए हर व्यक्ति को रोजाना 240 मिली. दूध का सेवन करना जरूरी है। इस हिसाब से रोज कम से कम तकरीबन 9 लाख लीटर दूध की आवश्यकता है, परंतु तकरीबन 6 लाख 11 हजार 395 लीटर ही दूध मिल पाता है। अर्थात रोजाना 2 लाख 88 हजार 605 लीटर दूध की कमी है। जानकारों की मानें तो इस किल्लत को दूर करने के लिए या तो शुद्ध दूध में 3 लाख लीटर से अधिक पानी मिलाया जा रहा है या फिर बड़े पैमाने पर नकली दूध बेचा जा रहा है।

कहां से आ रहे पनीर, घी, मक्खन आइस्क्रीम व अन्य दुग्धजन्य पदार्थ

संतरानगरी में दूध की तरह ही बड़ी मात्रा में पीनर, घी, मक्खन, आइस्क्रीम व अन्य दुग्धजन्य पदार्थों की खपत है। वर्तमान में दूध की आवश्यकता ही पूर्ण नहीं हो पा रही। ऐसे में दूध से तैयार होनेवाले उक्त पदार्थों की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगा हुआ है। जानकारों के मुताबिक, बाजार में नकली पनीर अथवा टोफू, मिलावटी घी, दूध, मक्खन आदि बेचे जा रहे हैं, जो जनसामान्य के सेहत के लिए सही नहीं। विविध कंपनियों द्वारा बेचे जा रहे पैकेट बंद दूध के स्रोत को लेकर भी प्रश्नचिह्न लगा हुआ है। जिला दुग्ध व्यवसाय विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सहकारी संस्थाएं एवं गो-पालक द्वारा ही कंपनियों को दूध की आपूर्ति की जाती है। ऐसे में आंकड़े भ्रमित करते हैं। सहकारी संस्थाओं के जरिए कुल 3 लाख 78 हजार 995 लीटर दूध मुहैया कराया जाता है व तकरीबन 400 लीटर दूध तबेला संचालक गोपालकों से प्राप्त होता है। यही दूध (135566+243429+400) मदर डेयरी, दिनशा व हल्दीराम द्वारा खरीदा जाता है। इस स्थिति में नागपुर में कुल तकरीबन 3 लाख 79 हजार 395 लीटर दूध ही उपलब्ध हो रहा है। इस हिसाब से रोजाना 5 लाख 20 हजार 605 लीटर दूध की किल्लत है।

संग्रह की स्थिति

जिले की 49 दुग्ध उत्पादक संस्थाओं के जरिए 1 लाख 35 हजार 566 लीटर दूध संकलित किया जाता है। गोंदिया, भंडारा व अन्य जिलों से 2 लाख 43 हजार 429 लीटर दूध का संकलन होता है। इसके अलावा दूध के पैकट बेचने वाली कंपनी हल्दीराम द्वारा 51 हजार लीटर, दिनशॉ द्वारा 31 हजार लीटर व मदर डेयरी द्वारा 1 लाख 50 हजार लीटर दूध मुहैया कराया जाता है। शहर में तकरीबन 5 हजार तबेले हैं, जिनके जरिए रोजाना तकरीबन 400 लीटर दूध उपलब्ध होता है। इसके अलावा वे इसे निजी तौर पर बेच देते हैं।

दूध की किल्लत नहीं
जिला दुग्ध व्यवसाय विकास विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नागपुर में रोजाना तकरीबन 9 लाख लीटर दूध की आवश्यकता है। इस आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए 3 लाख 78 हजार 995 लीटर दूध सहकारी संस्थाओं से मिलता है, 400 लीटर तबेलों से, 31 हजार लीटर दिनशा द्वारा, 51 हजार लीटर हल्दीराम द्वारा, व 150000 लीटर दूध मदर डेयरी द्वारा मुहैया कराया जाता है। सहकारी संस्थाओं से प्राप्त दूध मदर डेयरी व अन्य कंपनियों द्वारा खरीदा जाता है। नागपुर में दूध की किल्लत नहीं है। जिला दुग्ध व्यवसाय विकास विभाग द्वारा दूध का संकलन बंद कर दिया गया है। सरकार अब दूध का संकलन नहीं करती।

Created On :   6 Jun 2023 10:27 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story