आरोपियों को दबोचा: आखिर हीना को बंगलुुुरु से गिरफ्तार कर नागपुर लाया

आखिर हीना को बंगलुुुरु से गिरफ्तार कर नागपुर लाया
आरोपी का पति-भाई और बालिका का पिता-भाई पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अथर्व नगरी में मासूम बालिका को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के मामले में आखिरकार महिला आरोपी को बंगलुरु से गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया है। बीमारी का बहाना कर वह लंबे समय से पुलिस से बचने का प्रयास कर रही थी। इस बीच िगरफ्तारी टालने के लिए उसने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था।

पढ़ाई का झांसा देकर नागपुर लाई थी : आरोपी हीना खान नामक महिला है। उसने अपने बंगलुरु स्थित मायके से 10 वर्षीय बालिका को नागपुर यह कहकर लाया था कि, वह उसकी पढ़ाई-लिखाई करवाएगी, लेकिन यहां लाने के बाद उसे घर काम में लगाया। इस दौरान उसके पति व भाई ने बालिका को सिगरेट के चटके दिए। यौन प्रताड़ना दी। जब कभी हीना परिवार के साथ बंगलुरु या कहीं अन्यत्र जाती थी, तो पीड़िता को बाथरूम में बंद करके जाती थी। उसे बिस्कुट का पैकेट दे दिया जाता था।

सामाजिक कार्यकर्ता की नजर पड़ने पर खुला था मामला

घटना के दिन हीना के घर की बिजली आपूर्ति खंडित होने से बाथरूम में अंधेरा हो गया था। डरी-सहमी बालिका बाथरूम का कांच निकालकर बाहर आई थी। जिस पर महिला सामाजिक कार्यकर्ता की नजर पड़ने के बाद मामला हुड़केश्वर थाने पहुंचा। प्रकरण को गंभीरता से लेकर विविध धाराओं मंे प्रकरण दर्ज कर हीना के पति, भाई, बालिका के भाई और पिता तहा अरमान खान, अजहरुद्दी खान, सदरदार सैयद और सलमान सैयद को बारी-बारी िगरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस बीच हुड़केश्वर के थाना प्रभारी पर जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगा। उनसे जांच हटाकर जांच क्राइम ब्रांच के मानव तस्करी विरोधी सेल की मुखिया रेखा संकपाल और उनकी टीम को सौंप दी गई और आखिरकार टीम ने बंगलुरु में जाकर हीना को गिरफ्तार कर नागपुर लाया है।

मासूम के जख्म देख पुलिस, डॉक्टर भी सिहर गए थे

बालिका शरीर पर कई जगह पर जख्मों के निशान थे। उसके संवेदनशील अंगों पर भी जख्म थे। गरम तवे से भी उसे जलाया गया था। चाकू के भी निशान थे, जिसे देखकर मेडिकल के डॉक्टर और पुलिस अधिकारी भी सिहर गए थे।

भाई और पिता ने भी हैवानियत दिखाई

मासूम के पिता और भाई भी किसी हैवान से कम नहीं है। प्रताड़ना की शुरुआत बालिका के घर से ही हुई थी। उसके बाद बालिका को खान परिवार को सौंपा दिया गया था। हालांकि, उसे 50 हजार रुपए में खरीदने की बात की जा रही थी। फिलहाल आरोपियों के खिलाफ संबंधित अदालत में आरोप पत्र पेश िकया गया है। रेखा संकपाल, उपनिरीक्षक मंगला हरड़े, राजेंद्रसिंह ठाकुर, शरीफ शेख और अश्विनी खोडपेवार ने कार्रवाई की।

Created On :   28 Nov 2023 8:02 AM GMT

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