आदेश: नागपुर सहकारी अस्पताल संबंधित दस्तावेज समिति को दें : हाई कोर्ट

नागपुर सहकारी अस्पताल संबंधित दस्तावेज समिति को दें : हाई कोर्ट
कोर्ट ने दिए राज्य सरकार और नासुप्र आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर नागरिक सहकारी अस्पताल फिर से संचालित करने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस समिति को अस्पताल के संबंधित सारे दस्तावेज देने के आदेश बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार और नासुप्र को दिये हैं।

कई सालों से बंद पड़े धरमपेठ के नागपुर नागरिक सहकारी अस्पताल को फिर से शुरू करने की मांग करते हुए डॉ. भालचंद्र सुभेदार ने यह जनहित याचिका दायर की है। कोर्ट ने अस्पताल के पुनरुज्जीवन के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित करने के विभागीय आयुक्त और मेडिकल के अधिष्ठाता को आदेश दिये थे। इसके चलते पिछली सुनवाई विभागीय आयुक्त ने कोर्ट को मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये, सेंट्रल इंडिया इन्स्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइन्स के संचालक डॉ. लोकेंद्र सिंग, जोनल ट्रान्सप्लॉन्ट को-ऑर्डिकेशन सेंटर की पूर्व अध्यक्षा डॉ. विभावरी दाणी, डॉ. श्रीकांत मुकेवार और चौधरी हॉस्पिटल के डॉ. संजीव चौधरी की समिति गठित की जाने की जानकारी दी थी। बुधवार को न्या. अतुल चांदूरकर और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने सरकार और नासुप्र को अस्पताल संबंधित सारे दस्तावेज समिति को देने के आदेश दिये हैं। मामले पर अब 29 नवंबर को अगली सुनवाई रखी है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अक्षय सुदामे, नासुप्र की ओर से एड. गिरीश कुंटे, मनपा की ओर से एड. संगीता जाचक ने पैरवी की।

आवंटन रद्द की अपील पर निर्णय लें : 3 जनवरी 2020 को नासुप्र ने नागपुर नागरिक सहकारी अस्पताल बंद होने के कारण लीज पर दी गई जमीन का आवंटन रद्द कर दिया है। इसके खिलाफ संगठन ने राज्य सरकार के समक्ष अपील दायर की है। अपील पर 11 जुलाई 2023 को सुनवाई पूरी हुई। लेकिन अब तक निर्णय घोषित नहीं किया गया। इसलिये बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह में मामले में निर्णय लेने के आदेश दिये।

Created On :   2 Nov 2023 9:13 AM GMT

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