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फेसगार्ड: युवाओं की खोज से एटीएम सुरक्षा को मिलेगी नई दिशा, आपका चेहरा बनेगा आपकी सबसे सुरक्षित पहचान

Nagpur News. अब एटीएम से पैसे निकालना होगा और भी सुरक्षित। नागपुर के एस. बी. जैन तंत्रज्ञान, व्यवस्थापन और संशोधन संस्था के छात्रों ने ऐसी खास तकनीक बनाई है जो धोखाधड़ी और कार्ड क्लोनिंग जैसी घटनाओं को रोक सकती है। छात्र हर्ष नंदलाल सूर्यवंशी, रोहित जयदेव साहारे, वृषभ राजेंद्र गिल्लरकर, रोशन दुल्ली पंडित और उनके मार्गदर्शक डॉ. राहुल पेठे ने मिलकर ‘फेसगार्ड: मल्टीमॉडल एटीएम ऑथेंटिकेशन सिस्टम’ नामक तकनीक विकसित की है। इसका पेटेंट 3 अक्टूबर को दाखिल किया गया है।
क्या है ‘फेसगार्ड’ : यह एक ऐसी नई एटीएम सुरक्षा प्रणाली है, जो आरएफआईडी कार्ड, पासवर्ड (पिन) और चेहरा पहचानने की तकनीक को जोड़ती है। खाता धारक अपने साथ पांच भरोसेमंद लोगों के चेहरे पहले से व्हाइटलिस्ट में दर्ज कर सकता है। एटीएम पर लेन-देन के समय कैमरा चेहरा पहचानता है। और सिर्फ व्हाइटलिस्ट में शामिल चेहरा ही लेन-देन आगे बढ़ा सकता है।
वाट्सएप से तुरंत सुरक्षा नियंत्रण: अगर कोई अनजान व्यक्ति एटीएम से पैसे निकालने की कोशिश करता है, तो खाताधारक को तुरंत वाट्सएप पर अलर्ट मिलता है। उस अलर्ट में उस व्यक्ति की तस्वीर, कार्ड की जानकारी और समय होता है। वहीं से खाताधारक तुरंत ‘स्वीकृत’ या ‘अस्वीकृत’ बटन दबाकर निर्णय ले सकता है। इस पूरी घटना का रिकॉर्ड (लॉग) भी सुरक्षित रहता है।
क्यों है यह खास : पारंपरिक कार्ड और पिन प्रणाली अक्सर स्किमिंग, कार्ड क्लोनिंग और पासवर्ड चोरी जैसे खतरों से जूझती है। फेसगार्ड इन सभी जोखिमों को आरएफआईडी और बायोमेट्रिक सुरक्षा से खत्म करता है। वाट्सएप से तुरंत अनुमति देने की सुविधा इसे रियल टाइम और मानवीय नियंत्रण वाली प्रणाली बनाती है। यह तकनीक बैंकिंग के लिए सस्ती, आसान और आधुनिक सुरक्षा का नया तरीका है।
जनहित में नवाचार
इस टीम ने यह तकनीक जनहित में साझा करने की इच्छा भी जताई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा बैंक इसे अपनाकर अपने ग्राहकों को सुरक्षित सुविधा दे सकें। ‘फेसगार्ड’ ने साबित किया कि नागपुर के युवा अब डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
Created On :   10 Nov 2025 6:54 PM IST












