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घमासान: पीडब्ल्यूडी में दो बड़े अधिकारियों के बीच शीत युद्ध, मैट से स्टे मिलने के बाद उपविभागीय अभियंता उपाध्ये ने काम शुरू किया

- दो बड़े अधिकारियों के बीच शीत युद्ध
- मैट से स्टे मिलने के बाद उपविभागीय अभियंता ने काम शुरु किया
Nagpur News. लोक कर्म विभाग के डिवीजन -1 में ऐन शीत सत्र के पहले दो अभियंताओँ के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने लोक कर्म विभाग के रवि भवन के उपविभागीय अभियंता संजय उपाध्ये का तबादला मुख्य अभियंता ऑफिस नागपुर कर दिया था। रिटायरमेंट के एक महीने पहले तबादला होने पर उपाध्ये ने हैरानी जताई थी। नए उपविभागीय अभियंता अजय पाटील (घाटे) ने 30 अक्टूबर को रवि भवन पहुंचकर बगैर सीटीसी चार्ज संभाला। ऑफिस में सीसीटीवी कैमरे लगाए और बाउंसर तैनात किया। इस बीच मैट ने उपाध्ये के तबादले पर शुक्रवार 7 नवंबर को स्टे दिया आैर तुरंत चार्ज संभालने का आदेश दिया। उपाध्ये ने 7 नवंबर की शाम को चार्ज संभाला और रवि भवन से कार्यालयीन काम शुरू किया। चूंकि उपविभागीय अभियंता की केबिन में ताला लगा था, इसलिए उपाध्ये ने शाखा अभियंता के कार्यालय में बैठकर काम शुरू किया।
यहां से शुरू हुआ मामला
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 23 अक्टूबर की रात को रवि भवन के उपविभागीय अभियंता उपाध्ये का तबादला आदेश जारी किया। उपाध्ये ने 24 अक्टूबर को ऑनलाइन तबादला आदेश देखा। 29 अक्टूबर को रात 8 बजे तक उपविभागीय अभियंता उपाध्ये ने रवि भवन स्थित कार्यालय में काम किया था। 30 अक्टूबर को नए उपविभागीय अभियंता अजय पाटील (घाटे) रवि भवन पहुंचे, चार्ज ले लिया। इसी दिन उपाध्ये कार्यालय पहुंचे. पाटील द्वारा चार्ज लेने की सूचना मिलने के बाद वापस लौटे और चिकित्सकीय अवकाश (मेडिकल लीव) पर चले गए थे।
चार्ज लेते तो अच्छा होता
उपाध्ये का कहना है कि उन्हें अभी तक अधिकृत रूप से तबादला आदेश नहीं मिला है। सरकार ने तबादला किया है तो उस पर अमल करना हमारा कर्तव्य है। नए उपविभागीय अभियंता आदेश लेकर आते आैर मुझसे चार्ज लेते तो अच्छा होता। मैं खुशी-खुशी उन्हें चार्ज हैंडआेवर करता, जिसे सीटीसी कहते हैं। महाराष्ट्र की यही स्वस्थ प्रशासनिक परंपरा रही है। इसी तरह बुकलेट हैंडओवर करने की परंपरा है, जो वन साइड चार्ज लेने से नहीं किया जा सका। काम का वितरण किस प्रकार हुआ, यह सारी जानकारी चार्ज हैंडआेवर (सौंपते) करते समय देनी होती है। आकर सीधे चार्ज लेना महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है।
निधि को लेकर पूछताछ
इधर रवि भवन के नए उपविभागीय अभियंता अजय पाटील इसके पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में काम कर चुके हैं। यवतमाल में विशेष प्रोजेक्ट विभाग व रवि भवन में प्रबंधक के तौर पर काम कर चुके हैं। 7 नवंबर की शाम को उपाध्ये ऑफिस पहुंचे तो सीसीटीवी लगे थे। बाउंसर तैनात किया गया था। उपाध्ये ने संबंधित को बुलाकर सीसीटीवी लगाने के लिए किस हेड (मद) से निधि ली, कैमरे लगाने के लिए किसने प्रस्ताव तैयार किया, इस बारे में पूछताछ की। इसके बाद रात को ही ऑफिस में लगे कैमरे निकाल लिए गए। उपविभागीय अभियंता की केबिन की दो चाभियां होती है।
हाई कोर्ट में कल सुनवाई
उपाध्ये का कहना है कि केबिन की चाभी ऑफिस में उपलब्ध नहीं है। सीसीटीवी निकाल लिए गए हैं। मैट के आदेश पर काम शुरू किया। शाखा अभियंता जहां बैठते थे, वहां बैठकर काम कर रहा हूं। शनिवार व रविवार को भी कार्यालय पहुंचकर कार्यालयीन काम पूरा किया। पदोन्नति को लेकर उपाध्ये का मामला मुंबई हाईकोर्ट में चल रहा है, जिस पर 11 नवंबर को सुनवाई है। मैट में उपाध्ये का पक्ष एड. गणेश खानझोडे, एड. अथर्व खानझोड़े, एड. अनिश देशपांडे, एड. रेणूका गोसावी ने रखा। उपविभागीय अभियंता अजय पाटील (घाटे) को फोन किया, लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला। वाट्स एप व एसएमएस किया, पर जवाब नहीं मिला।
Created On :   10 Nov 2025 6:35 PM IST













