Nagpur News: डॉ. अल्लामा इक़बाल को श्रद्धांजलि, उर्दू दिवस के रूप में मनाया गया यौमे पैदाइश

डॉ. अल्लामा इक़बाल को श्रद्धांजलि, उर्दू दिवस के रूप में मनाया गया यौमे पैदाइश
  • इल्म व अमल से ज़िंदगी को रौशन करने की तालीम
  • उर्दू दिवस के रूप में मनाया गया यौमे पैदाइश
  • डॉ. अल्लामा इक़बाल को याद किया

Nagpur News. महान शायर, दार्शनिक और चिंतक डॉ. अल्लामा सैय्यद मोहम्मद इक़बाल की यौमे पैदाइश (जन्म जयंती) को ताजबाग स्थित ताजुल औलिया मल्टीपरपज़ सोसायटी द्वारा बड़े सम्मान और उत्साह के साथ उर्दू दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में इक़बाल की शायरी, विचारों और समाज के प्रति उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता हाजी अबुल हसन ताजी ने की, जबकि संयोजन मौलाना मोहम्मद बदरुदुजा इरशाद, मोहम्मद जावेद, तथा एडवोकेट अब्दुल अमानी कुरैशी ने किया। वक्ताओं ने इक़बाल के दर्शन (फ़लसफ़े) और तालीमी सोच (शैक्षिक दृष्टिकोण) पर अपने विचार रखते हुए कहा कि, “इक़बाल ने इंसान को ‘ख़ुदी’ का पैग़ाम दिया और इल्म व अमल से ज़िंदगी को रौशन करने की तालीम दी।”


कार्यक्रम में मोहम्मद जावेद, जहीन अंसारी, एडवोकेट अब्दुल अमानी कुरैशी, और समीर शेख (एडीटर, उर्दू सफ़र) ने “बांग-ए-दरा” से इक़बाल की चुनिंदा शायरी सुनाई और उनके फ़िक्रो-फ़न (विचार और रचनात्मकता) के असर पर अपने विचार साझा किए। वक्ताओं ने कहा कि इक़बाल की नज़्में आज भी नौजवानों को नई सोच, हौसला और आत्मविश्वास देती हैं।


कार्यक्रम के अंत में शायराना अंदाज़ में डॉ. इक़बाल को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश किया गया। इस अवसर पर मौलाना मोहम्मद बदरुदुजा इरशाद ने उर्दू ज़बान की तरक़्क़ी और उसके प्रचार-प्रसार के लिए सबको मिलकर काम करने का आह्वान किया।

Created On :   10 Nov 2025 8:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story