परेशानी: हवा में धूलकण बढ़े, ठंड के आगमन से पहले ही दमा और श्वसन रोग के मरीजों को हो रही दिक्कत

हवा में धूलकण बढ़े, ठंड के आगमन से पहले ही दमा और श्वसन रोग के मरीजों को हो रही दिक्कत
  • वायु दबाव कम होने से एक्यूआई में बढ़ोतरी
  • अचानक वायुमंडल में धूलकणों में बढ़ोतरी हो गई

Nagpur News. उपराजधानी में ठंड के आगमन से पहले अचानक वायुमंडल में धूलकणों में बढ़ोतरी हो गई है। पिछले दो दिन से रात में मौसम के ठंडा होने से वायु दबाव कम होने लगा है। ऐसे में धूलकणों का विस्तार नहीं होने से शहर में एक्यूआई का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ गया है। 4 स्थानों पर लगातार निगरानी होने वाली वायु गुणवत्ता में अचानक दो दिन में धूलकणों की बढ़ोतरी पाई गई है। तुलसी विवाह पर पटाखों के फूटने, निर्माणकार्य स्थलों पर धूल होने से हवा में प्रभाव बढ़ गया है। धूलकणों के बढ़ने से दमा और श्वसन रोग के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक शहर में महानगरपालिका की ओर से तत्काल उपाय योजना की जानी चाहिए। हालांकि अब तक महानगरपालिका प्रशासन से कोई भी पहल नहीं हुई है।

तीन दिन में

शहर की स्थिति

अंबाझरी

दिनांक स्तर

9 नवंबर 137

8 नवंबर 139

7 नवंबर 89

महल

दिनांक स्तर

9 नवंबर 149

8 नवंबर 116

7 नवंबर 84

सिविल लाइन्स

दिनांक स्तर

9 नवंबर 122

8 नवंबर 109

7 नवंबर 95

रामनगर

दिनांक स्तर

9 नवंबर 141

8 नवंबर 139

7 नवंबर 67

अभी ऐसी है स्थिति

शहर के वायुमंडल में धूलकण (पीएम 10) और बेहद सूक्ष्म धूलकण (पीएम 2.5) में बढ़ोतरी होने से एक्यूआई भी बढ़ा है। तय मानकों के मुताबिक बेहद सूक्ष्म धूलकण (पीएम 2.5) अधिकतम 199 और न्यूनतम 82 के मध्य होना चाहिए, लेकिन शहर में 141 से 151 के बीच स्तर पिछले दो दिन से बना हुआ है। पीएम 2.5 में बढ़ोतरी होने से गले में दिक्कत और श्वसन रोग में दिक्कत होती है, वहीं दूसरी ओर धूलकण (पीएम 10) भी बढ़ा हुआ पाया गया है। पीएम 10 का अधिकतम स्तर 144 और न्यूनतम 92 के मध्य होना चाहिए, लेकिन दो दिनों से 119 से 129 के बीच बना हुआ है।

धूलकणों का प्रभाव

कौस्तव चटर्जी, संस्थापक ग्रीन विजिल फाउंडेशन के मुताबिक सर्दी का मौसम आरंभ होते ही वायु दबाव कम होने से धूलकणों को फैलने के लिए जगह कम मिलती है। ऐसे में वायुमंडल में स्थिर हो जाते है। इसके अलावा शहर में पटाखों का फूटना और निर्माणकार्य स्थलों पर धूल उड़ना भी जारी है। यही वजह है कि शहर में एक्यूआई का स्तर और धूलकण में इजाफा हो रहा है।

वायु दबाव कम होने से एक्यूआई में बढ़ोतरी

हेमा देशपांडे, प्रादेशिक अधिकारी, एमपीसीबी के मुताबिक ठंड के मौसम में वायु दबाव कम धूलकणों को विस्तार के लिए जगह कम मिलती है। ऐसे में वातावरण में धूलकण स्थिर हो जाते हैं। शहर में एक्यूआई का स्तर और धूलकण में इजाफा होने से रोकने के लिए महानगरपालिका की ओर से तत्काल उपाय योजना की जानी चाहिए।



Created On :   10 Nov 2025 6:00 PM IST

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