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ऑनलाइन गेमिंग के नेटवर्क का भांडाफोड़: महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप कांड के बाद एक और बड़ा घोटाला, हवाला- बेटिंग- गेमिंग से 40 करोड़ चीन और कंबोडिया भेजे, चीनी भाषा में हुआ कोडवर्ड का इस्तेमाल

- गिरोह के 23 सदस्य गिरफ्तार, दो मुख्य आरोपी अब भी फरार
- हवाला, बेटिंग और ऑनलाइन गेमिंग के नेटवर्क का खुलासा
- चीनी भाषा में कोडवर्ड का इस्तेमाल
- महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप कांड के बाद बड़ा घोटाला
Nagpur News. महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाले के मुख्य आरोपी रवि उप्पल की दुबई से रहस्यमयी गुमशुदगी और सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब नए मामले का भांडाफोड़ हुआ है। जिसके तार चीन और कंबोडिया से जुड़ रहे हैं। इसका भांडाफोड़ उपराजधानी की पुलिस ने किया। जिसने देश की अर्थव्यवस्था कमजोर करने वाली एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी से पर्दा उठाया है। इसमें किराए के खातों का इस्तेमाल कर हवाला, बेटिंग और ऑनलाइन गेमिंग के ज़रिए करोड़ों रुपये चीन और कंबोडिया भेजे गए। पुलिस ने इस गिरोह के 23 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो मुख्य आरोपी अब भी फरार हैं। इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए बाकायदा चीनी भाषा में कोडवर्ड का इस्तेमाल किया गया।

कैसे हुआ गिरोह का खुलासा
गोंदिया निवासी दीपक घनश्याम गायधने (28) नौकरी की तलाश में था। उसने अपने मित्र अविनाश रहांगडाले को यह बात बताई, जिसने उसकी मुलाकात सुमित पटले से कराई। सुमित नागपुर में किराए से रह रहा था और उसने दीपक को व्यापार में साझेदारी का झांसा दिया। दीपक के दस्तावेज लेकर उसके नाम पर बैंक खाते खुलवाए गए, जिनसे बाद में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ। शक होने पर दीपक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि यह गिरोह चीन और कंबोडिया से संचालित अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा है। जब्त खातों के माध्यम से हवाला, बेटिंग और ऑनलाइन गेमिंग के जरिए ₹40.87 करोड़ की राशि विदेश भेजी गई थी। अपराध शाखा की यूनिट-4 और साइबर टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर रविवार को आरोपियों को गिरफ्तार किया।

21 राज्यों में 174 शिकायतें
पुलिस जांच में पता चला है कि इस गिरोह के खिलाफ 21 राज्यों में 174 शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें से 25 मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। नागपुर पुलिस ने पहली बार इस पूरे नेटवर्क को जड़ से पकड़ने में सफलता पाई है।
चीनी भाषा में कोडवर्ड का इस्तेमाल
आरोपियों ने लेन-देन और संवाद के लिए टेलीग्राम, व्हाट्सएप सहित कई ऐप का इस्तेमाल किया। मुख्य आरोपी और उसके सहयोगी चीनी भाषा के कोडवर्ड्स का उपयोग करते थे ताकि खाताधारक या सहयोगी असली कारोबार को समझ न सकें।

कई बैंकों में खाते
गिरोह ने बैंक ऑफ बड़ौदा, यस बैंक, कोटक महिंद्रा, बैंक ऑफ इंडिया, बंधन बैंक, केनरा बैंक, सारस्वत बैंक, एक्सिस बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक आदि में 80 चालू खाते खोले थे।
इन खातों में ₹20.87 करोड़ का लेन-देन हुआ है। पुलिस को उम्मीद है कि जांच आगे बढ़ने पर अभी और गंभीर खुलासे होंगे। सोमवार को पुलिस भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल ने बताया कि दोनों फरार आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी होगी। यह मामला प्रताप नगर थाने में दर्ज है और इसकी जांच अपराध शाखा की टीम कर रही है।
आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शामिल हैं
सुमित राजेश पटले (23, नवरगांव गोंदिया), रोहित राजेश अहीर (32, राणा प्रताप नगर), वैभव नृसिंह बघेल (27, आर्य नगर कोराड़ी), रोहित हरीश कांबले (39, बजरंग नगर), सोहेल अब्दुल सलीम खान (38, मानकापुर), अश्विन सत्येंद्र कुमार भार्गव (18, नरसिंहपुर), अनिल कुमार सर्वेश्वर दास (बालेश्वर, म.प्र.), सुशांत जनबंधु राउत (कुसनपुर, म.प्र.), श्रेयश संजय मस्के (शांति नगर), पंकज शेखर टेटे (पांचपावली), शेख मैदुल शेख शफिउल (हरदासपुर, जाजपुर), अजहर शेख सिराज शेख, अक्षय अनिल काजडे (दोनों पिंपरी चिंचवड़), अभिषेक अनराज गुप्ता (फुकट नगर), दीपक ज्ञानचंद्र विश्वकर्मा (भोपाल), पंकज श्रीरामसिंह विश्वकर्मा (विदिशा), विजय रामचंद्र नरोटे (नाशिक), सुजित सिंह महेंद्र सिंह बेदी (दीपक नगर), सागर गोविंद बागडे (नारी रोड), चंद्रकांत भानुदास शिरोले (नाशिक), राहुल संजय जुनी, देवेश महेश वजीर, अमर संजयराव वाघोलकर (अमरावती) और आशीष नंदकिशोर बसेडिया (शांति नगर, नरसिंहपुर)।
साधारण मोहरे थे गिरोह के सदस्य
आरोपियों से 8 उद्योग प्रमाणपत्र, 8 लघु उद्योग पंजीकरण, 9 किराया अनुबंध, विभिन्न विभागों की सीलें, दुकानों के बैनर, बैंक फार्म, कई लोगों के आधार व पैन कार्ड, 58 चेक बुक, 50 सिमकार्ड, 38 मोबाइल फोन और एक बीएमडब्ल्यू कार (DL 1 CT 7949) समेत कुल ₹17.47 लाख का माल जब्त किया गया है। साथ ही ₹52.99 लाख की राशि बैंक खातों में फ्रीज की गई है। मीडिया के जानकारी देते वक्त डीसीपी राहुल माकणीकर, एसीपी अभिजीत पाटील समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
पुलिस के अनुसार, ये आरोपी केवल फ्रंटलाइन मोहरे थे, जो दूसरों के नाम पर बैंक खाते खुलवाते थे और इसके बदले ₹25,000 से ₹30,000 तक कमीशन पाते थे। इन्हीं खातों से करोड़ों रुपये का लेन-देन होता था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाला मामले में कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को निर्देश दिया था कि वह मुख्य आरोपी उप्पल का पता लगाकर शीघ्र गिरफ्तार करे। अदालत ने कड़े शब्दों में कहा था — “सफेदपोश अपराधियों के लिए अदालतें और जांच एजेंसियां खिलौना नहीं हैं। अब कुछ करना ही होगा।”
Created On :   10 Nov 2025 10:42 PM IST












