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ओवरलोडिंग कर रहे वाहनों को लेकर याचिका
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में धड़ल्ले से ओवरलोडिंग कर रहे माल वाहनों पर नियंत्रण लगाने के मुद्दे पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में नई जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता परमजीत सिंह कलसी की शिकायत पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करके 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की कोर्ट से प्रार्थना है कि राज्य सरकार को ओवरलोडिंग कर रहे वाहन चालकों पर लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 (पीडीपीपी अधिनियम) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। इसके साथ ही प्रदेश के राजस्व और पुलिस विभाग के मोटर वाहनों पर भी डैश कैमरा लगाने के आदेश दिया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता पर रोक लगाई जा सके। राज्य सरकार को इस मामले में 4 सप्ताह में जवाब पेश करना है।
वर्ष 2016 का मुद्दा : याचिकाकर्ता ने वर्ष 2016 में पहली जनहित याचिका दायर करके शहर में ओवरलोडिंग वाहनों की बढ़ती संख्या का मुद्दा उठाया था। याचिकाकर्ता के अनुसार ओवरलोड वाहनों से सड़क सुरक्षा प्रभावित होती है और साथ ही ऐसे वाहन कई सड़क हादसों का भी कारण होते हैं। समय के साथ साथ शहर में भी ओवरलोड करने वाले वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसे नियंत्रित करने की सख्त जरूरत है। उनकी इसी याचिका पर वर्ष 2017 में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 6 माह के भीतर इलेक्ट्रॉनिक वेट ब्रिज (धर्मकांटों) पर सीसीटीवी लगाने पर नीति निर्धारित करने का आदेश दिया था। साथ ही लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के प्रावधानों को भी सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार ने जब 6 माह के भीतर नीति निर्धारित नहीं की तो याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की थी। इसके बाद कहीं जा कर राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में वर्ष 2019 में नीति संबंधित दस्तावेज दायर किए। लेकिन पीडीपीपी अधिनियम लागू नहीं किया और न ही राजस्व और पुलिस अधिकारियों के मोटर वाहनों पर डैश कैमरे लगे। ऐसे में याचिकाकर्ता ने दोबारा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।व
Created On :   15 Jun 2023 11:42 AM IST