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Nagpur News: छात्र के दो विषयों में पूरे अंक, फिर भी किया फेल, नागपुर विश्वविद्यालय को नोटिस

- चर्चा का विषय बना रहा
- अन्यथा 500 का जुर्माना
- न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई
Nagpur News. एक छात्र ने दो विषयों में पूरे अंक प्राप्त किए हैं, इसके बावजूद परिणाम में -"फेल' दर्शाए जाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। न्यायालय ने नागपुर विश्वविद्यालय और वसंतराव नाईक शासकीय कला एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान के प्राचार्य को नोटिस जारी कर, 18 सितंबर तक जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सर्वेश उमेश घाटोले नामक छात्र ने यह याचिका दायर की है। मामले में न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। याचिका के अनुसार, वसंतराव नाईक शासकीय कला एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान में वह बी.ए. का छात्र है। यह कॉलेज नागपुर विश्वविद्यालय से संलग्नित है। जनवरी 2025 में उसकी पहली सेमेस्टर की परीक्षा हुई। रिजल्ट आने पर छात्र को "वोकेशनल स्किल कोर्स- ऑर्गनाइजिंग सोशल सर्वे' और -"स्किल एन्हांसमेंट कोर्स- वर्किंग विथ कल्चर' इन दो विषयाें में -"#' का निशान लगा था, जो उसे अनुतीर्ण दर्शाता है, जबकि उसने पूरे अंक प्राप्त किए थे। ऐसा ही मामला कई अन्य छात्रों के साथ भी हुआ था।
चर्चा का विषय बना रहा
मार्च 2025 में छात्र ने अन्य विद्यार्थियों के साथ मिलकर इस त्रुटि की शिकायत महाविद्यालय के प्राचार्य से की। प्राचार्य द्वारा नागपुर विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर इस संबंध में अवगत कराया गया। अप्रैल में यह मामला समाचार पत्रों और मीडिया में चर्चा का विषय बना, परंतु विश्वविद्यालय द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद छात्र ने स्वयं विश्वविद्यालय को पत्र लिखा, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार छात्र ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में मांग की गई है कि नागपुर विश्वविद्यालय को त्रुटिपूर्ण मार्कशीट को संशोधित कर नई मार्कशीट जारी करने का निर्देश दिया जाए। याचिकाकर्ता छात्र का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट के उक्त आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता की ओर से एड. डी.एम. एलानी ने पैरवी की।
अन्यथा 500 का जुर्माना
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि, याचिकाकर्ता को यह अनुमति दी जाती है कि वह प्रतिवादियों को सामान्य तरीके के अलावा निजी तरीके (जैसे खुद जाकर देना, कुरियर आदि) से भी नोटिस दे सकता है। साथ ही, अगली तारीख तक उसे यह बताने वाला एक शपथ पत्र जमा करना होगा कि उसने नोटिस दे दिया है। अगर याचिकाकर्ता ऐसा नहीं करता है, तो उसे नागपुर हाई कोर्ट के गैजेटेड ऑफिसर्स एसोसिएशन में 500 रुपये का जुर्माना जमा करना होगा।
Created On :   12 Aug 2025 7:20 PM IST