जाति प्रमाणपत्र जारी करते समय नियमों का पालन करें : आयोग

जाति प्रमाणपत्र जारी करते समय नियमों का पालन करें : आयोग
प्रशिक्षण आयोजित करने का सुझाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य न्या. चंद्रलाल मेश्राम व एड. बी.एल. सागर-किल्लारीकर ने कहा कि जाति प्रमाणपत्र देते समय आम आदमी को परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जाए। सरकार के नियमों का अध्ययन कर ही जाति प्रमाणपत्र का वितरण किया जाना चाहिए। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने विभागीय आयुक्त कार्यालय में नागपुर और भंडारा की जाति सत्यापन समिति और इन जिलों के उपविभागीय अधिकारियों से चर्चा कर पिछले तीन वर्षों की समीक्षा की। बैठक में सामाजिक न्याय विभाग के उपायुक्त सिद्धार्थ गायकवाड़, सहायक आयुक्त सुकेशनी तेलगोटे, जाति प्रमाणपत्र सत्यापन समिति के उपायुक्त सुरेंद्र पवार (नागपुर), मंगेश वानखेड़े (भंडारा) सहित इन दोनों जिलों के सभी उपविभागीय अधिकारी उपस्थित थे। उपविभागीय अधिकारी को अधिकार है कि वे जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिवास का प्रमाण मांगे। अधिवास (निवासी) प्रमाण के स्थान पर जाति प्रमाण नहीं मांगना चाहिए। आयोग ने नियमों को समझने के लिए आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण आयोजित करने का भी सुझाव दिया।

प्रस्तावों पर सुनवाई

इससे पूर्व राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत निवेदनों पर सुनवाई की। आयोग के सदस्य न्या. चंद्रलाल मेश्राम व एड. बी.एल. सागर-किल्लारीकर ने कुंजड़ा, चूनावाले, भोयर/पोवार, भाट, किराड जातियों के संबंध में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनका पक्ष जाना। आयोग की अगली बैठक में सुनवाई पर फैसला लिया जाएगा। इस अवसर पर संबंधित संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे। आयोग के अध्यक्ष व सदस्य गोंदिया जिले के लिए रवाना हुए। आयोग 21 से 24 जून तक गोंदिया, गढ़चिरोली और चंद्रपुर जिलों के दौरे पर रहेगा।

Created On :   21 Jun 2023 3:00 PM IST

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