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प्राध्यापकों के 92 पदों पर स्थाई पदभर्ती का मामला - सीनेट सदस्यों ने जताई आपत्ति
- राज्यपाल से शिकायत
- कुलगुरु की भूमिका पर सवाल
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने अपने विविध पीजी विभागों के साथ डॉ.बाबासाहब आंबेडकर विधि महाविद्यालय, बैरिस्टर एस.के.वानखेडे शिक्षा महाविद्यालय और लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्राध्यापकों के कुल 92 पदों पर स्थाई पदभर्ती करने की घोषणा की है। इस संबंध में विवि ने आधिकारिक सूचना जारी करके उम्मीदवारों से आवेदन भरने की अपील की है, लेकिन इस पदभर्ती प्रक्रिया की शुरुआत के पहले ही इस पर विवाद मंडराने लगे हैं।
कुलगुरु की भूमिका पर सवाल
विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्यों ने ही कुलगुरु डॉ.सुभाष चौधरी की भूमिका पर सवाल उठा दिए हैं। इस मामले में सीनेट सदस्य एड.मनमोहन बाजपेयी ने राज्यपाल कार्यालय और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से शिकायत की है, जिसमें एड.बाजपेयी ने मुद्दा उठाया है कि कुलगुरु डाॅ.चौधरी इस वक्त खुद कई प्रकार की अनियमितताओं के आरोपों से घिरे हुए हैं। इन आरोपों की जांच के लिए बिठाई गई उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव अजीत बावसकर की कमेटी ने इसकी पुष्टि भी की है। इसमें मुख्य रूप से एमकेसीएल कंपनी को अवैध रूप से दिए गए परीक्षा के कामकाज व विवि के अन्य टेंडरों का समावेश है। विधान परिषद सदस्य प्रवीण दटके ने जब यह मुद्दा सदन में उठाया, तो उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत दादा पाटील ने दोबारा जांच बैठाने का आश्वासन दिया। अब राज्यपाल कार्यालय को कुलगुरु के भविष्य का फैसला करना है। ऐसी स्थिति होने के बावजूद कुलगुरु के नेतृत्व में विश्वविद्यालय इतने सारे महत्वपूर्ण पदों पर पदभर्ती करने जा रहा है, जो मौलिक दृष्टि से सही नहीं है। ऐसे में बाजपेयी ने राज्यपाल से इस मामले में योग्य कार्रवाई करने की मांग की है।
Created On :   14 Aug 2023 7:24 PM IST