Nagpur News: दर्दनाक घटना - कुलपति प्रो. त्रिपाठी और उनकी पत्नी का सड़क हादसे में निधन

दर्दनाक घटना - कुलपति प्रो. त्रिपाठी और उनकी पत्नी का सड़क हादसे में निधन
  • कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय को दी नई ऊंचाई
  • 7 जून 2023 को पदभार किया था ग्रहण

Nagpur News. कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी का कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) जाते समय एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। हादसे में उनकी पत्नी की भी मौत हो गई। गंभीर जख्मी हुए उनके ड्राइवर वैभव मिश्रा की भी हालत गंभीर बताई गई है। वह उत्तर प्रदेश के अस्पताल में भर्ती हैं। कुलपति का सपत्नीक निधन पूरे कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय परिवार के लिए एक आघात है और यह घटना परिवार के लिए वज्राघात है।

जताया शोक

कुलपति के निधन पर राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले आदि ने शोक व्यक्त किया है। कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी तथा उनके सहधर्मचारिणी बदामी त्रिपाठी का बाबा विश्वनाथ नगरी वाराणसी में हरिश्चंद्र घाट पर शोकाकुल वातावरण में अंतिम संस्कार किया गया। उनके दोनों सुपुत्र माधव गोपाल और विनयगोपाल त्रिपाठी ने यह विधि पूरी की।

अद्भुत योगदान के लिए मिले कई पुरस्कार

प्रो. त्रिपाठी को संस्कृत के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए भारत सरकार से महर्षि बादरायण राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया गया था। शंकर वेदांत पुरस्कार, पाणिनि पुरस्कार और उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान का विशिष्ट सेवा पुरस्कार शामिल है।

7 जून 2023 को पदभार किया था ग्रहण

प्रो. हरेराम त्रिपाठी भारतीय दर्शन, नव्यन्याय, सांख्य योग और न्यायशास्त्र के प्रख्यात विद्वान और दार्शनिक थे। उन्होंने 7 जून, 2023 को कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार ग्रहण किया। अपने दो वर्ष के कार्यकाल में उन्हें अब तक विश्वविद्यालय के विकास के लिए 70 करोड़ रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है। शोध परियोजनाओं और विभिन्न कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और सम्मेलनों के लिए भी अनुदान प्राप्त हुआ है। उनके कार्यकाल के दौरान, वारंगा अंतरराष्ट्रीय परिसर के डॉ. हेडगेवार शैक्षणिक भवन का उद्घाटन हाल ही में 1 अगस्त, 2025 को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के हाथों किया गया। इसके अलावा, शोध छात्रावास, डॉ. तोतडे हॉल भी उनके कार्यकाल के दौरान पूरा हुआ। उन्हें संस्कृत के क्षेत्र में विभिन्न प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों का व्यापक अनुभव था। प्रो. त्रिपाठी श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में भारतीय दर्शन के प्रोफेसर थे। उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी कार्य किया।

Created On :   25 Aug 2025 6:44 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story