न्याय व संरक्षण: आदिवासियों को न्याय, संरक्षण के लिए योगदान दें - मोघे

आदिवासियों को न्याय, संरक्षण के लिए योगदान दें - मोघे
  • आदिवासी क्षेत्रबंधन कायदा मुक्ति दिन मनाया
  • आदिवासी अधिकार से वंचित थे

डिजिटल डेस्क, नागपुर. आदिवासियों को विविध कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। विविध योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। लिहाजा आदिवासियों को न्याय व संरक्षण देने के लिए सरकार व समाज ने योगदान देना चाहिए। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी आदिवासी सेल के अध्यक्ष शिवाजीराव मोघे ने यह विचार व्यक्त किए। सोमवार को सुरेश भट सभागृह में आयोजित आदिवासी क्षेत्र बंधन कायदा मुक्ति दिन कार्यक्रम में वे बोल रहे थे। आदिवासी अधिकार से वंचित थे, कार्यक्रम में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार, पूर्व विधायक नामदेव उसेंडी, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आरती वर्मा, जिला परिषद अध्यक्ष मुक्ता कोकड्डे व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। मोघे ने बताया कि 1935 में ब्रिटिश सरकार ने आदिवासी क्षेत्रबंधन कायदा लागू किया था। उससे लाखों आदिवासी अपने अधिकार से वंचित हो रहे थे। लेकिन 18 सितंबर 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने क्षेत्रबंधन कायदा को रद्द कराया। आदिवासियों के लिए िवकास का मार्ग प्रशस्त हुआ। लिहाजा प्रतिवर्ष 18 सितंबर को क्षेत्रबंधन मुक्ति दिन मनाया जाता है। कार्यक्रम में प्रदेश आदिवासी कांग्रेस, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, आल इंडिया आदिवासी एम्पलाइज फेडरेशन, आर्गनाइजेशन फार राइट्स आफ ट्राइबल, विदर्भ आदिवासी विद्यार्थी संगठन नागपुर, आदिवासी विद्यार्थी संघ विदर्भ, ट्राइबल डाक्टर्स एसोसिएशन, ट्राइबल आफिसर्स फोरम, नेशनल आदिवासी पीपल्स फेडरेशन, गोंडवाना सेना के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Created On :   19 Sept 2023 5:29 PM IST

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