सेहत: डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया से होगा बचाव, देसी वैक्सीन तैयार

डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया से होगा बचाव, देसी वैक्सीन तैयार
  • डॉ. शालिग्राम ने कहा-आगामी वर्ष में उपलब्धता
  • बकरी के दूध का इस्तेमाल एंटिबॉयोटिक के रूप में संभव
  • 28 प्रकार की वैक्सीन पर चल रहा है काम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया आदि घातक बीमारियां वैश्विक समस्या हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार कर ली गई है। इसे अप्रूवल भी मिल गया है। आगामी वर्ष में यह वैक्सीन उपयोग के लिए उपलब्ध होगी।

कहा-पर्यावरण में परिवर्तन मुख्य कारण : सीरम इन्स्टिट्यूट ऑफ इंडिया प्रा. लि. के डायरेक्टर व बोर्ड मेंबर डॉ. उमेश शालिग्राम ने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में बताया कि विविध देशों के साथ मिलकर सीरम इन्स्टिट्यूट द्वारा कुल 28 प्रकार की वैक्सीन पर काम चल रहा है। वैक्सीन तैयार होने पर कई तरह की घातक बीमारियों की रोकथाम की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि कई तरह के संक्रमण व घातक बीमारियों का प्रमुख कारण पर्यावरण में परिवर्तन है। पर्यावरण व प्रकृति में लगातार हो रहे परिवर्तन की वजह से भविष्य में कई नई बीमारियों के पैदा होने का खतरा है।

दवाओं पर रिसर्च की जानकारी दी : कैंसर व डायबिटीज जैसी घातक बीमारी के इलाज के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कैंसर के सस्ते इलाज के लिए अनुसंधान किया जा रहा है। उन्होंने कैंसर के सस्ते इलाज के लिए दवाओं पर रिसर्च की जानकारी दी। इसके अलावा बकरी के दूध का इस्तेमाल एंटिबॉयोटिक के रूप में करने की संभावना भी उन्होंने जताई।

विज्ञान के विद्यार्थियों की रही उपस्थिति : डॉ. उमेश शालिग्राम के व्याख्यान को सुनने के लिए बड़ी संख्या में विज्ञान के विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर डॉ. शालिग्राम ने बताया कि सीरम इन्स्टिट्यूट द्वारा पिछले 50 वर्षों से विविध प्रकार की वैक्सिन उपलब्ध कराई जा रही है। मौत की घाटी (महामारी) पर उपचार का पुल बनाना इन्स्टिट्यूट का उद्देश्य रहा है। वैक्सीन के जरिए ही कोविड-19 से 30 मिलियन लोगों को माैत से बचाया जा सका है। इस अवसर पर डॉ. शालिग्राम ने स्मॉल पॉक्स की वैक्सीन के जनक डॉ. एडवर्ड जेनर, फादर ऑफ माइक्रोबायोलॉजी लुईस पाश्चर, राबर्ट कॉच, प्लेग की वैक्सीन के जनक वाल्दिमीर हाफकिन, इन्सुलिन का अविष्कार करने वाले फ्रेडरिक सेंगर के अनुसंधान कार्यों का उल्लेख करते हुए वैक्सीन डेवलपमेंट टेक्नोलॉजी में हो रहे बदलाव की जानकारी दी। व्याख्यान देने के लिए रमन साइंस सेंटर पहुंचे डॉ. शालिग्राम व उनकी टीम का सत्कार रमन साइंस सेंटर के मनोज कुमार पांडे ने व आभार प्रदर्शन अभिमन्यु भिलावे ने किया।

‘पेनेडेमिक प्रिपेयर्डनेस’ पर व्याख्यान : बुधवार को रमन साइंस सेंटर में आयोजित ‘पेनेडेमिक प्रिपेयर्डनेस’ विषय पर व्याख्यान के लिए वे यहां आए हुए थे। इस अवसर पर उन्होंने सीरम इन्स्टिट्यूट द्वारा कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए तैयार की गई कोविशिल्ड वैक्सीन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब भारत ने अमेरिका को वैक्सीन कोविशिल्ड की सप्लाई की।

Created On :   30 Nov 2023 5:22 AM GMT

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