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दिशा उपक्रम : शिक्षण समिति और स्थायी समिति में तनातनी
- नहीं समझ पाए प्रजेंटेशन
- समिति करेगी पड़ताल
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिला परिषद में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत से सत्ता है। अंदरूनी खींचतान चरम पर है। दिशा उपक्रम पर शिक्षण समिति ने स्थायी समिति के निर्णय को अंगूठा दिखाकर आपस में तनानती को उजागर कर दिया है। दरअसल स्थायी समिति ने दिशा उपक्रम का विरोध किया है। प्रयोगिक तौर पर केवल एक स्कूल में उपक्रम चलाने की मोहलत दी। स्थायी समिति द्वारा उसका मूल्यांकन करने के बाद सकारात्मक परिणाम सामने आने पर अन्य स्कूलों में अमल पर विचार करने का निर्णय लिया गया। गुरुवार को हुई शिक्षण समिति की बैठक में स्थायी समिति के निर्णय को अंगूठा दिखा दिया। हर तहसील के 15 स्कूलों में दिशा उपक्रम पर अमल करने की अनुमति पर मुहर लगाई गई।
समिति करेगी पड़ताल
शिक्षण समिति की बैठक सभापति राजकुमार कुसुंबे की अध्यक्षता में हुई। जिप के सभी स्कूलों में दूसरी से आठवीं कक्षा के लिए चलाए जा रहे दिशा उपक्रम पर चर्चा हुई। जिप के सभी स्कूलों में यह उपक्रम नहीं चलाकर सीमित स्कूलों में प्रायोगिक तौर चलाने का मुद्दा उपस्थित किया गया। एक शिक्षक कार्यरत स्कूलों को छोड़ शैक्षणिक गुणवत्ता में कमजोर हर तहसील के 15 स्कूलों में यह उपक्रम चलाने पर आम सहमति हुई। स्कूलों के चयन में संबंधित पंचायत समिति के बीडीओ, गटशिक्षणाधिकारी तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि को विश्वास में लेने की सूचना दी गई। जिन स्कूलों में दिशा उपक्रम चलाया जाएगा, उन स्कूलों में विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता की शिक्षण समिति द्वारा पड़ताल की जाएगी। विद्यार्थियाें की शैक्षणिक गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं होने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई। बैठक में समिति सदस्य शांता कुमरे, प्रकाश खापरे, दूधराम सव्वालाखे, दिनेश ढोले तथा अन्य सदस्य, शिक्षणाधिकारी, डायट के प्राचार्य उपस्थित थे।
नहीं समझ पाए प्रजेंटेशन : बैठक में डायट की ओर से दिशा उपक्रम का पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया। समिति सदस्य उसे समझ नहीं पाए। दिशा उपक्रम से विद्यार्थियों का क्या लाभ होगा, यह समझ ही नहीं पाए। उसके बावजूद तहसील के 15 स्कूलों में उपक्रम पर अमल करने की अनुमति दी गई। स्थायी समिति की बैठक में डायट पर अपनी पसंद का पाठ्यक्रम विद्यार्थियों पर लादने के आरोप लगे। विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगाने की टिप्पणी कर रामटेक तहसील के हिवरा बाजार स्कूल में डायट के प्राचार्य को स्वयं महीनाभर पढ़ाकर िवद्यार्थियाें की गुणवत्ता में सुधार करने की चुनौती दी गई। स्थायी समिति द्वारा विद्यार्थियों की गुणवत्ता का मूल्यांकन कर सकारात्मक परिणाम सामने आने पर अन्य स्कूलों में दिशा उपक्रम चलाने या न चलाने पर विचार करने का निर्णय लिया गया था।
Created On :   1 Sept 2023 6:07 PM IST