ठोस वजह के बगैर दूसरी बार नहीं कर सकते डीएनए टेस्ट

ठोस वजह के बगैर दूसरी बार नहीं कर सकते डीएनए टेस्ट
  • दुष्कर्म का आरोपी सिद्ध नहीं हुआ पिता
  • ठोस वजह के बगैर दूसरी बार नहीं कर सकते डीएनए टेस्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर. दुष्कर्म के मामलों में किए गए डीएनए टेस्ट में अगर आरोपी और गर्भ का संबंध नहीं पाया जा सकता, तो आरोपी का दूसरा डीएनए टेस्ट तब तक नहीं किया जा सकता, तब तक दूसरा टेस्ट करने के लिए ठोस सबूत और वजह कोर्ट के समक्ष न हो। इस निरीक्षण के साथ हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी का दूसरी बार डीएनए टेस्ट करने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने अचलपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें निचली अदालत ने आरोपी का दूसरी बार डीएनए टेस्ट करने का आदेश दिया था। आरोपी पर एक नाबालिग से दुष्कर्म करने का आरोप है। अमरावती के दर्यापुर पुलिस थाने में उसके खिलाफ धारा 376, पॉक्सो व अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया था। प्रकरण में 27 फरवरी 2018 को पीड़िता ने एक बेटी को जन्म दिया। उस समय पुलिस ने आरोपी के डीएनए टेस्ट के लिए उसके खून का नमूना लिया, लेकिन डीएनए टेस्ट में यह निकल कर आया कि, आरोपी उस बच्ची का पिता नहीं है। इसके बाद सरकारी वकील ने अचलपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय में अर्जी दायर कर आरोपी का दोबारा डीएनए टेस्ट करने के लिए दोबारा ब्लड सैंपल लेने की अनुमति मांगी। सत्र न्यायालय ने इसकी अनुमति दे दी, तो आरोपी ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी।

सरकारी पक्ष ने हाईकोर्ट में दलील दी कि, पहली बार जब आरोपी चिकित्सा अधिकारी को ब्लड सैंपल दे रहा था, तब जांच अधिकारी वहां मौजूद नहीं था। ऐसे में सैंपल से छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन आगे हुई सुनवाई में पुलिस ने बार-बार अपना पक्ष बदला। हाईकोर्ट के फटकार लगाने पर पुलिस ने एक और बार अपना पक्ष बदला और कबूला कि, सैंपल लेते समय जांच अधिकारी भी उपस्थित था। मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने उक्त निरीक्षण के साथ यह आदेश जारी किया है।


Created On :   27 May 2023 6:22 PM IST

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