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मील का पत्थर: एकनाथ शिंदे ने कहा - लाडली बहन योजना के नीचे दब गए सरकार के 6 सौ फैसले
- योजना को बताया मील का पत्थ
- महत्वाकांक्षी योजना 'मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना'
- सरकार ने करीब 600 फैसले लिए, सभी फैसले लाडली बहन योजना के नीचे दबे
डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना' को अभी तक सरकार द्वारा जारी की गईं योजनाओं में मील का पत्थर बताया है। शिंदे ने आलंदी में एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य में लगभग पिछले ढाई साल से महायुति की सरकार है और इस दौरान सरकार ने करीब 600 फैसले लिए, लेकिन यह सभी फैसले लाडली बहन योजना के नीचे दब गए हैं। शिंदे ने कहा कि जब हमने लाडली बहन योजना को शुरू करने का फैसला किया था तो इसको लेकर विपक्ष ने इस योजना को लेकर भ्रामक जानकारियां लोगों और महिलाओं के बीच पहुंचाई थी। यहां तक कि विपक्ष के नेताओं ने कहा था कि सरकार पहले महिलाओं के खाते में पैसे भेज देगी, उसके बाद उन पैसों को वापस ले लिया जाएगा। शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं को लाडली बहन योजना की दो किस्त भेज भी दी हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने लगभग ढाई साल के कार्यकाल में 600 फैसले लिए हैं, लेकिन अब बात सिर्फ लाडली बहन योजना की ही होती है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जब महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एसटी) की बसों में महिलाओं को किराए में 50 प्रतिशत की छूट दी थी, तब भी विरोधी कहते थे कि इस फैसले से एसटी को नुकसान होगा। लेकिन आज हमारी माताएं और बहनें अपने भाई से कहती हैं कि वह घर पर ही रहें, बाजार होकर वह खुद आएंगी। ऐसा करने से महिलाओं को बसों में आधा किराया ही देना पड़ रहा है। शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से उलटा एसटी को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आगे भी जनता के हित के ऐसे फैसले लेती रहेगी। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार ने लाड़ली बहन योजना की शुरुआत आगामी विधानसभा चुनाव को देखकर की है।
Created On :   8 Sept 2024 9:18 PM IST