- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- फर्जी दस्तावेज व शालार्थ घोटाला ,...
Nagpur News: फर्जी दस्तावेज व शालार्थ घोटाला , रडार पर 800 चेहरे, 4 विभागों में तलाश

Nagpur News घूसखोर शिक्षकों में से कई शिक्षक व शिक्षा विभाग के लोग एसीबी के निशाने पर हैं। मामला फर्जी नियुक्ति व शालार्थ आईडी घोटाले से जुड़ा हुआ है। संबंधितों की बेनामी चल-अचल संपति की पड़ताल जारी है।
इस घोटाले की फाइल स्थानीय एसीबी (भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग) को सौंप दी गई है। सूत्रों के अनुसार, विभाग का वेतन पथक, शिक्षा विभाग, शिक्षा संस्थाओं के कुछ संचालक और शिक्षा उपसंचालनालय के पूर्व और वर्तमान कुछ अधिकारी, कर्मचारी एसीबी के रडार पर हैं। गुप्त रूप से उनके चल-अचल संपति की पड़ताल की जा रही है। गोपनीयता ऐसी कि जिनके खिलाफ पड़ताल की जा रही है, उन्हें भी इसकी भनक नहीं। विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए मामले में लिप्त लोगों के नामों का खुलासा करने से इनकार िकया है। लेकिन सूत्रों का दावा है कि करीब सात से आठ सौ लोग जांच के दायरे में है।
करोड़ों का घोटाला : विभागीय शिक्षा उपसंचालक कार्यालय नागपुर में करोड़ों रुपए का शालार्थ आईडी घोटाला हुआ है। 12 मार्च 2025 को साइबर थाने में धारा 319 (2),318 (4), 338, 336(3), 340(1), 340 (2), 61(2) भारतीय न्याय संहिता 2023 की सहधारा 66(क) के तहत विभाग के रवींद्र ज्ञानेश्वर पाटील (54) की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ फर्जी शालार्थ आईडी घोटाले का मामला साइबर थाने में दर्ज िकया गया है। इससे मिलता-जुलता एक और मामला (जो दस्तावेजों से जुड़ा है) सदर थाने में भी दर्ज हुआ है।
मुंबई तक गूंज: विधान भवन में भी मामला उठा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर पुलिस आयुक्त डॉ.रवींद्र कुमार सिंगल की ओर से उपायुक्त राहुल मदने के मार्गदर्शन में एसआईटी का गठन िकया गया था। 20 मार्च 2019 से अभी तक हुए विभाग में भारी घोटाले के चलते 24 अप्रैल 2025 से िगरफ्तारियों का दौर चला। अभी तक विभाग से जुड़े करीब 20 लोगों को िगरफ्तार िकया जा चुका है। और भी िगरफ्तारियां अभी बाकी हैं। कुछ राजनीतिक संरक्षण में दबाव लाकर िगरफ्तारी टालते रहे हैं। कुछ ने कोर्ट का सहारा लिया। िगरफ्तारी से बचने के लिए याचिकाएं दायर की।
विभाग की साख दांव पर: शिक्षा विभाग में यह घोटाला राज्य के अन्य जिलों में भी हुआ है। शुरुआती दौर में अन्य जिलों में हुए घोटाले की जांच भी नागपुर एसआईटी को सौंपी गई थी। बाद में कुछ कारणों से स्थानीय एसआईटी को बर्खास्त कर दिया गया और पुणे में नई एसआईटी का गठन हुआ, जिसे जांच का जिम्मा सौपा गया। राज्य भर में हुए इस घोटाले ने शिक्षा विभाग की साख दांव पर लगा दी है।
जल्द ही जब्ती कार्रवाई : इस बीच एसअाईटी ने जांच पूरी कर िगरफ्तार आरोपियों के खिलाफ संबंधित अदालत में करीब 150 पन्नों की चार्जशीट दायर की। उसके अलावा अदालत में एक और अर्जी दायर की गई है। फर्जी तरीके से वेतन व अन्य भत्ते प्राप्त कर सरकारी तिजोरी को लूटने वाले शिक्षा विभाग के आरोपियों से घोटाले की रकम वसूल की जाने वाली है। इसकी अनुमति अदालत से मांगी है गई है। आरोपियों की करोड़ों की चल-अचल संपति जब्त कर वसूली की जाने वाली है। कार्रवाई के लिए पुलिस को अदालत के आदेश का इंतजार है। उसके बाद जब्ती कार्रवाई की जाने वाली है।
632 शिक्षकों की पड़ताल : स्थानीय शिक्षा विभाग ने गत दिनों 632 शिक्षकों को नोटिस जारी िकया है। विविध नियमाें के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए, इस संबंध में 40 दिन के भीतर उन्हें जवाब देने के िलए कहा गया था। विभाग को शक है कि इनमें से कई लोगों की नियुक्तियां फर्जी तरीके से हुई हैं। उक्त शिक्षकाें के दस्तावेजों की पड़ताल विभागीय स्तर पर की जा रही है।
गोपनीय जांच जारी : मामले की गोपनीय जांच पड़ताल जारी है। नाम और रकम का खुलासा अभी हम नहीं कर सकते हैं। -डॉ.दिगंबर प्रधान, पुलिस अधीक्षक, एसीबी नागपुर शहर
Created On :   19 Nov 2025 12:45 PM IST















