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Nagpur News: सड़ी सुपारी के काले कारोबार पर नकेल, माफियाओं की सूची तैयार

- ‘ऑपरेशन थंडर’ से पूरे नेटवर्क में सनसनी
- कई बड़े तस्कर रडार पर
Nagpur News शहर में सड़ी सुपारी के अवैध कारोबार पर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने पूरे नेटवर्क में हड़कंप मचा दिया है। बीते एक सप्ताह में पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल के मार्गदर्शन में चल रहे ‘ऑपरेशन थंडर’ ने सड़ी सुपारी माफिया की नींव हिला दी है। शहर पुलिस अब तक नागपुर में 3 और ग्रामीण पुलिस ने 4 स्थानों सहित 7 बड़ी कार्रवाइयों में 2.50 करोड़ रुपये से अधिक का माल जब्त कर चुकी है। यह पहली बार है जब पुलिस ने कारोबारी से लेकर ट्रांसपोर्टर तक, पूरे शृंखला की एक गुप्त सूची तैयार की जा रही है, जिसमें कई बड़े तस्कर पुलिस के रडार पर हैं।
कर्नाटक का ‘अन्ना’ सरगना : सूत्रों के अनुसार, नागपुर में सड़ी सुपारी गिरोह का सबसे बड़ा नेटवर्क कर्नाटक का ‘अन्ना’ है। करीब 30 साल पहले इस धंधे में आया अन्ना, आज नागपुर में करोड़ों का मालिक है और उसका नेटवर्क इतना मजबूत है कि कई लोग उसके जरिए मालामाल हो चुके हैं। मगर पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी अन्ना अब तक पकड़ में नहीं आया है। क्राइम ब्रांच के एक अफसर ने कहा- नाम सामने आ चुका है, इससे जुड़े लोगों के बारे में भी जानकारी मिली है, अब सिर्फ सही वक्त का इंतज़ार है। उसके खिलाफ रणनीति तैयार हो रही है। अन्ना के बाद बड़े तस्करों में संजय पटना, अशफाक, गनी, कलीवाला सहित अन्य कई तस्कर हैं, जो पुलिस के रडार पर आ चुके हैं। हालांकि कई तस्कर पुलिस की छापेमारी के बाद भूमिगत हो गए हैं। पुलिस ने सभी नामों की सूची तैयार कर ली है और इस पूरे गुट की आर्थिक नब्ज पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। जानकारी के अनुसार, विदेश में बैठकर, जस्सी, वाजवा भी नेटवर्क संचालित कर रहा है।
ऐसे होता है काला कारोबार : नागपुर का यह नेटवर्क किसी छोटे-मोटे धंधे से कम नहीं। मुख्य रूप से इंडोनेशिया और म्यांमार से सड़ी-गली, निम्न गुणवत्ता वाली सुपारी तस्करी कर लाई जाती है। नागपुर में इसे सल्फर भट्ठियों में पकाकर ऐसा चमकदार बनाया जाता है कि असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाए। रंग बदलने के बाद इसे छोटे कारखानों में कटाई के लिए भेजा जाता है। इसके बाद छोटे-छोटे पैकेट बनाए जाते हैं।
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बिना बिल, बिना ई-वे, बिना इनवॉइस : पान-मसाला, गुटखा और खर्रा बनाने वाली यूनिटों तक यह बिना बिल, बिना ई वे बिल, सुपारी सप्लाई हो रही है। कई कारोबारी जैसे मुकर्रम, प्रवीण, अनूप, उमेश, गोयल, गुलाबचंद, हिमांशु, हेमंत, मौर्या व अन्य इस अवैध सप्लाई चेन का हिस्सा बताए जाते हैं। शांतिनगर, कलमना, कामठी रोड, डिप्टी सिग्नल, चिखली- इन इलाकों में 2-3 कारखाने चलाने वाले कारोबारी तो दिन-रात सुपारी की कटाई-पैकिंग कर रहे हैं। नागपुर के गोदामों और कोल्ड स्टोरेज में यह माल छिपाकर रखा जाता है। नेपाल, गुजरात, असम के रास्ते से तस्कर छोटी दुकानों में बैठकर ऑर्डर लेते हैं और मालवाहक वाहनों से सप्लाई सीधे कारखानों तक पहुंचाई जाती है।
धंधा करोड़ों का : सड़ी सुपारी का धंधा करोड़ों का है, इसका असर मौत जैसा है। सड़ी सुपारी का उपयोग खर्रा गुटखा, पान मसाला तैयार करने में होता है। सल्फर और रासायनिक मिश्रण के कारण यह कैंसर और लाइलाज बीमारियों का बड़ा कारण बन रही है। इसके बावजूद तस्कर, जीएसटी और कस्टम ड्यूटी की करोड़ों की चोरी कर सरकार को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। एफएसएस एक्ट के मुताबिक इस तरह की सुपारी पूरी तरह अवैध है, पर तस्करों को न तो बिल चाहिए, न पर्मिट, न कानून की परवाह।
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Created On :   18 Nov 2025 12:49 PM IST













