Nagpur News: टल सकता है मनपा व जिप चुनाव आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत के पार

टल सकता है मनपा व जिप चुनाव आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत के पार
  • सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद रद्द हो सकता है प्रभाग आरक्षण
  • सीटों का आरक्षण 50 की बजाए 54.30% किया
  • नप, नपं. चुनाव प्रक्रिया पर पड़ सकता है असर

Nagpur News नागपुर महानगरपालिका और नागपुर जिला परिषद के चुनाव आगे टल सकते हैं। महानगरपालिका सहित स्थानीय निकाय चुनाव के लिए निकाले गए आरक्षण में 50 प्रतिशत की सीमा पार करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सीधे चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आरक्षण की सीमा का उल्लंघन हुआ है तो चुनाव पर रोक लगा दी जाएगी। इससे नागपुर महानगरपालिका और जिला परिषद के चुनाव टलने की आशंका बढ़ गई है। स्थिति बुधवार 19 नंबवर को स्पष्ट होगी, जब सुप्रीम कोर्ट इस पर अगली सुनवाई करेगा।

हाल में प्रभाग आरक्षण घोषित हुआ था : फिलहाल नागपुर महानगरपालिका ने हाल में प्रभाग आरक्षण घोषित किया है। प्रभाग आरक्षण में 50 प्रतिशत की सीमा को पार करते हुए 54.30 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई है। दरअसल, मनपा को 151 सीटों का 50 प्रतिशत यानी 76 सीटों के लिए ड्रा निकालना था। किन्तु उसने 82 सीटें आरक्षण निकाला है, इसमें ओबीसी के लिए 40, अनुसूचित जाति के लिए 30 और अनुसूचित जनजाति के लिए 12 सीटें आरक्षित की है। यह 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा से ज्यादा है।

जिला परिषद में भी यही स्थिति : कुछ इसी तरह का मामला नागपुर जिला परिषद में है। नागपुर जिला परिषद में 57 सीटों के लिए चुनाव होने हैं। 57 में से 50 प्रतिशत यानी 28 सीटें आरक्षित होनी थी, किन्तु 33 सीटों का ड्रा निकाला गया। ओबीसी के लिए 15, अनुसूचित जाति के लिए 10 और अनुसूचित जनजाति के लिए 08 सीटें आरक्षित की गई। यहां भी आरक्षण सीमा का उल्लंघन करने का मामला साफ हुआ है। विदर्भ में नागपुर के अलावा चंद्रपुर जिला परिषद में भी आरक्षण सीमा पार होने का दावा किया गया है।

नगर परिषद, नगर पंचायत चुनाव भी संकट में : नगरपरिषद और नगरपंचायत चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 2 दिसंबर को इसके चुनाव होने हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद नगरपरिषद और नगरपंचायत चुनाव भी संकट में फंस गए हैं। कोर्ट ने सरकार से कहा कि अगर दलील यह है कि नामांकन शुरू हो गया है और अदालत को अपना काम रोक देना चाहिए तो हम चुनाव पर रोक लगा देंगे। इस अदालत की शक्तियों का इम्तिहान न लें। सूत्रों ने बताया कि नगरपरिषद में कामठी, खापा, उमरेड, कन्हान-पिंपरी और वाडी में आरक्षण सीमा का उल्लंघन हुआ है। कई नगरपंचायत भी है, जिसमें आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत के पार गई है। इसमें बेसा-पिपला, महादुला और भिवापुर का समावेश बताया गया है। ऐसे में इनकी चुनाव की प्रक्रिया भी संदेह में घिर गई है।

फार्मूले के अनुसार आरक्षण : मनपा के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मनपा प्रभाग आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार आरक्षण निकाला गया, इसमें 2017 के आदेश का हवाला दिया गया था। जो फार्मूला दिया था, उस हिसाब से आरक्षण निकाला गया। जिस कारण आरक्षण 50 प्रतिशत से ऊपर जा रहा है।

घट सकती है ओबीसी संख्या : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार की सुनवाई में सरकार से कौन सी स्थानीय निकाय संस्थाओं में कितना आरक्षण दिया है और उसका आरक्षण क्या है, इसका हलफनामा अगली सुनवाई में मांगा है। 19 नवंबर को अगली सुनवाई होगी। इससे स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी की जगह बढ़ने की बजाए घट सकती है। -नितीन चौधरी, मुख्य संयोजक, राष्ट्रीय ओबीसी मुक्ति मोर्चा


Created On :   18 Nov 2025 12:01 PM IST

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