गड़चिरोली के 67 जलस्रोतों का किया जाएगा पुनर्जीवित

गड़चिरोली के 67 जलस्रोतों का किया जाएगा पुनर्जीवित
  • खरपुंडी से आरंभ हुई मुहिम
  • रबी सत्र में फसलों को सिंचित करने और जलसंकट से निपटने में सहायक सिद्ध होगी मुहिम

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। नदियों का जिला होने के बाद भी हर वर्ष ग्रीष्मकाल के दिनों में नागरिकों को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ता है। रबी सत्र के दौरान भी फसलों को सिंचित करने के लिए किसानों को अनेक प्रकार की जद्दोजहद करनी पड़ती है। इस गंभीर समस्या का निवारण करने के लिए भारत सरकार के नीति आयोग ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम आरंभ किया है। इसी कार्यक्रम के तहत अादिवासी बहुल गड़चिरोली जिले के विभिन्न 67 स्थानों के जलस्रोतों का पुनरूत्थान करने की मुहिम आरंभ की गयी है। बुधवार को इस मुहिम का शुभारंभ गड़चिरोली तहसील के ग्राम खरपुंडी से की गयी। प्रभारी जिलाधिकारी धनाजी पाटील के हाथों खरपुंडी स्थित मामा तालाब क्रमांक 218 का शुभारंभ किया गया।

अभियान के तहत सरकारी अथवा किसानों के खेतों के तालाब का गहराईकरण समेत तालाब का मलबा निकालने का कार्य किया जाएगा। आगामी 28 फरवरी 2024 तक यह अभियान जिले में चलाया जाएगा। पुनरूत्थान के लिए चयनित जलस्रोतों में से 10 हजार घनमीटर मलबा निकाला जाएगा। वहीं जरूरत पड़ने पर नए मामा तालाबों का निर्माणकार्य भी किया जाएगा। जिला परिषद के लघु सिंचाई विभाग की ओर से यह कार्य जिले में प्रस्तावित किए गए हैं। खरपुंडी में संपन्न कार्यक्रम के दौरान प्रभारी जिलाधिकारी पाटील ने कहा कि, आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत गड़चिरोली जिले में विभिन्न प्रकार के विकासात्मक कार्य प्रस्तावित किए गए हैं।

जलस्रोतों के पुनरूत्थान मुहिम से आगामी ग्रीष्मकाल के दौरान किसानों को सिंचाई की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं ग्रामीणों को भी जलसंकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह मुहिम नागरिकों के लिए वरदान होने के विचार उन्होंने इस समय व्यक्त किए। कार्यक्रम में परिविक्षाधिन आईएएस अधिकारी राहुल मिना, तहसीलदार महेंद्र गणवीर, जिला जलसंधारण अधिकारी सावन जलस्वाल, आकांक्षी जिला कार्यक्रम के नोडल अधिकारी नियाज मुलानी आदि समेत खरपुंडी गांव के नागरिक उपस्थित थे।

Created On :   1 Jun 2023 2:33 PM IST

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