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विकास पर विराम , सालई बावनथड़ी ठंडे बस्ते में
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर जिले में मोगरकसा, मुनिया कंजर्वेशन के साथ सालई से बावनथड़ी तक को पर्यटकों के लिए विकसित किया जाने वाला था, लेकिन वन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इससे इसके विकास को विराम लग गया है। वन विभाग की मानें, तो फिलहाल मोगरकसा को विकसित करने की ओर फोकस किया जा रहा है। इसके बाद सालई बावनथड़ी का विकास किया जाएगा।
जिले का बढ़ जाता महत्व : नागपुर जिले में गोरेवाड़ा जंगल सफारी व उमरेड सफारी के साथ पेंच सफारी का कुछ हिस्सा शामिल है। इन सभी जगहों पर टिकट आदि शुल्क ज्यादा होने से सामान्य लोग यहां तक नहीं पहुंच पाते हैं, इस लिए वन विभाग ने पवनी मार्ग स्थित मोगरकसा का विकास किया है, वहीं इसी से लगकर रहने वाले सालई से बावनथड़ी परिसर को भी पर्यटकों के लिए विकसित करने का निर्णय लिया गया था, जिसके लिए 1.5 करोड़ रुपए मंजूर भी हो गए थे। जल्द ही इसका काम शुरू होने वाला था। कुछ ही महीनों में इसे पूरा किया जाने वाला था। करीब 15 जिप्सी इस सफारी में लगाई जाने वाली थी। सालई के प्रवेश द्वार पर पर्यटकों के लिए खान-पान के साथ ही सारी सुविधाएं मिलने वाली थीं। यहां तक कि बावनथड़ी निकासी द्वार पर भी टोंगला गांव है, जहां पर्यटकों के लिए भोजन आदि के लिए बड़े रेस्टोरेंट आदि का निर्माण किया जाने वाला था।
अधिकारियों को जानकारी नहीं : परिसर में वॉटर होल का निर्माण किया जाना था, जहां आकर वन्यजीव पानी पिएं और पर्यटक इन्हें देख सकें। नेचर ट्रेल का निर्माण भी 5 किमी तक किया जाने वाला था, जहां से पर्यटक पैदल जाकर ही वन्यजीवों का दीदार कर सकते थें। वर्ष 2022 दिवाली के पहले इसे शुरू करने का लक्ष्य भी रखा था, जिससे नागपुर जिले का आकर्षण पर्यटकों की दृष्टि में बढ़ जात, लेकिन ऐसा हो नहीं सका, क्योंकि मोगरकसा को विकसित करने में वन विभाग को इतना ज्यादा पैसा व समय लग गया कि सालई बावनथड़ी की ओर ध्यान देने का समय ही नहीं मिला। आलम यह है कि अब नए अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट के बारे में किसी तरह की कोई जानकारी भी नहीं है, जिससे इसका काम पूरी तरह से ठंडे बस्ते में पड़ा दिख रहा है।
बाद में होगा बावनथड़ी का विकास : वर्तमान स्थिति में वन विभाग मोगरकसा को साकार करने में लगा है। अभी सालई बावनथड़ी के विकास को लेकर किसी तरह की कोई हलचल नहीं है। मोगरकसा का काम पूरा करने के बाद बावनथड़ी के विकास की दिशा में काम किया जाएगा। - डॉ. भारत सिंह हाडा, डीएफओ (प्रादेशिक), वन विभाग नागपुर
Created On :   27 July 2023 12:13 PM IST