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व्यावसायिक नाटकों की तुलना में दर्जेदार प्रस्तुति करता है नाटक गटार - जोशी
- बहुजन रंगभूमि आंदोलन का गौरवशाली उल्लेख
- दर्जेदार प्रस्तुति करता है नाटक गटार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 1977-78 के हमारे समानांतर कला आंदोलन में हमने दलित रंगमंच के साथ प्रभावी ढंग से चलने वाले स्ट्रीट प्ले रंगभूमि के आशय की सामाजिक प्रतिबद्धता और व्यवस्था परिवर्तन का सूत्र बनाए रखा। अब वीरेंद्र गणवीर के बहुजन रंगभूमि द्वारा किया उसका विस्तार और विकास विदर्भ के नाट्य वैभव और समानांतर रंगभूमि के साथ यह महाराष्ट्र की रंगभूमि की विशेषता है। यह प्रतिपादन डॉ. श्रीपाद भालचंद्र जोशी ने किया। वे वीरेंद्र गणवीर की पुस्तक 'गटार' के विमोचन समारोह में अध्यक्ष पद से बोल रहे थे। इससे पहले वीरेंद्र गणवीर द्वारा लिखित ‘गटार’ बहु-पुरस्कृत नाटक का 75वां प्रयोग और बाद में पुस्तक का विमोचन साइंटिफिक सभागृह में किया गया।
अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट रहे : डॉ. विमल थोराट ने कहा, मनुस्मृति द्वारा पैदा की गई असमानता से बनी जाति व्यवस्था, एक जाति विशेष पर थोपी गई गंदगी उन्हें मानवाधिकारों से वंचित करती है, नाटक प्रभावी ढंग से उसे उखाड़ फेंकने का आह्वान करता है। डॉ।. रवीन्द्र शोभणे ने कहा, जनभावनाओं का अपमान एक नया चलन है और सभी लोग अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने पर अपने-अपने तरीके से अवांछित विश्लेषण पेश कर रहे हैं।
बहुजन रंगभूमि आंदोलन का गौरवशाली उल्लेख
डॉ. श्रीपाद भालचंद्र जोशी ने कहा, नाटक भी साहित्य है और साहित्य न केवल यथार्थ का चित्र है, बल्कि मानवीय मूल्यों के माध्यम से यथार्थ को वांछित वस्तु में बदलने का एक प्रभावी माध्यम भी है। वीरेंद्र गणवीर के नाटक लेखन और मंच पर प्रयोगों ने कलात्मक चेतना के साथ इस कार्य को प्रभावी ढंग से किया है। उन्होंने बहुजन रंगभूमि आंदोलन का भी गौरवशाली उल्लेख किया, जिसने किसी भी गुणवत्ता वाले व्यावसायिक नाटक की स्थिति, कलात्मक मूल्य और गुणवत्ता को बनाए रखते हुए इस नाटक के 75 प्रयोग किए। मंच पर 97वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. रवींद्र शोभने, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर और प्रसिद्ध हिंदी लेखक, आलोचक डॉ. विमल थोराट, प्रगतिशील लेखक संघ के प्रसेनजीत तेलंग, बोधि प्रकाशन की निदेशक अर्चना खोबरागड़े और लेखक वीरेंद्र गणवीर थे। संचालन शांतरक्षित गावंडे ने तथा आभार प्रदर्शन अस्मिता पाटील ने किया। प्रस्तावना लेखक, निर्देशक वीरेन्द्र गणवीर ने रखी। इस अवसर पर नाटक ‘गटार’ का 75वाँ प्रयोग प्रस्तुत किया गया। इसमें आशीष दुर्गे, अस्मिता पाटिल, रोहित वानखेड़े, अजय वासनिक, सांची तेलंग, शिवम मस्के मुख्य भूमिका में थे।
Created On :   1 Sept 2023 6:33 PM IST