गोसीखुर्द कार्यालय हुआ बंद उपजिलाधीश चौरे कार्यमुक्त

गोसीखुर्द कार्यालय हुआ बंद उपजिलाधीश चौरे कार्यमुक्त
  • 10 साल की सेवा के बाद आखिर ताला
  • कर्मचारी अन्य विभागों में होंगे समाहित

डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिलाधीश कार्यालय स्थित गोसीखुर्द कार्यालय (पैकेज) का कार्यालय 10 साल की सेवा के बाद गुरुवार 31 दिसंबर को बंद हो कर दिया गया। उपजिलाधीश दीपमाला चौरे को इस पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है। कार्यालय का स्टाफ राजस्व विभाग के अन्य कार्यालयों में समाहित किया जाएगा। याद रहे गोसीखुर्द (पैकेज) का कार्यालय बंद होने की खबर दैनिक भास्कर ने 31 अगस्त को प्रमुखता से प्रकाशित की थी। 31 अगस्त को गोसीखुर्द कार्यालय बंद होने के साथ ही इस खबर पर प्रशासन की मुहर लग गई।

95 फीसदी पैकेज बांटा गया : गोसीखुर्द परियाेजना से नागपुर समेत 3 जिले के लोग प्रभावित हुए थे। नागपुर जिले के करीब 100 गांवों के लोग इस परियोजना से प्रभावित हुए थे। सरकार ने गोसीखुर्द के लिए जमीन अधिग्रहण व प्रभावितों के पुनर्वसन के लिए कार्यालय स्थापित किए थे। दोनों जगह उपजिलाधीश की अगुवाई में स्टाफ को नियुक्त किया गया था। प्रभावितों को पैकेज मिलने में तेजी आ सके आैर जल्द से जल्द मामलों का निपटारा हो सके, इसलिए राज्य सरकार ने 2013 में विशेष रूप से गोसीखुर्द (पैकेज) कार्यालय बनाया था। इसे गोसीखुर्द विशेष कक्ष भी कहा जाता था। इस कार्यालय के माध्यम से 1200 करोड़ का पैकेज प्रभावितों को वितरित करना था। 95 फीसदी से ज्यादा का पैकेज बांटा गया है आैर करीब 5 फीसदी मामले कोर्ट-कचहरी में फंसे हुए हैं।

अतिरिक्त जिम्मेदारी : गोसीखुर्द (पैकेज) कार्यालय ने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद राज्य सरकार ने जीआर जारी कर 31 अगस्त से इस कार्यालय को बंद कर दिया। 31 अगस्त को उपजिलाधीश दीपमाला चौरे यहां की जिम्मेदारी से कार्यमुक्त हो गईं। प्रोटोकॉल व नजूल की अतिरिक्त जिम्मेदारी उपजिलाधीश चौरे के पास बनी हुई है। कार्यालय में पदस्थ एक नायब तहसीलदार व स्टाफ को अन्य विभागों व कार्यालयों में समाहित किया जाएगा।

Created On :   1 Sept 2023 6:14 PM IST

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