नागपुर: 12 दिन से सरकार के पास नहीं पहुंची स्वास्थ्य रिपोर्ट!

12 दिन से सरकार के पास नहीं पहुंची स्वास्थ्य रिपोर्ट!
  • हड़ताली कर्मचारी
  • वरिष्ठों को रिपोर्टिंग करना किया बंद
  • सरकार के पास नहीं पहुंची स्वास्थ्य रिपोर्ट!

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत ठेका पद्धति पर बरसों से काम करनेवाले कर्मचारियों ने 17 अक्टूबर से असहकार और 23 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। जिले से 1250 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। इस हड़ताल से स्वास्थ्य केंद्रों पर होनेवाले रोज के काम की रिपोर्ट वरिष्ठों को देना बंद हो चुका है। इसकी शुरुआत उप स्वास्थ्य केंद्रों से होती है। यहां से ब्योरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में, वहां से तहसील स्वास्थ्य केंद्रों में, यहां से ग्रामीण अस्पताल, उप जिला अस्पताल और अंत में यह रिपोर्ट स्वास्थ्य सेवा आयुक्त व अभियान संचालक के पास भेजी जाती है। यहां से रिपोर्ट सरकार तक पहुंचती है। यह हर रोज की प्रक्रिया होती है। इसमें कुछ सरकारी ऑनलाइन पोर्टल से कुछ ऑफलाइन पद्धति से रिपोर्ट भेजी जाती है। 12 दिन से यह काम प्रभावित हो चुका है। कुल मिलाकर सरकार तक जिले की स्वास्थ्य क्षेत्र के हालातों की जानकारी नहीं पहुंच रही है।

60 फीसदी कर्मचारी ठेका पद्धति पर

महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय आरोग्य अभियान कंत्राटी अधिकारी कर्मचारी समायोजन कृति समिति के मुख्य समन्वयक पवन वासनिक के अनुसार प्रतिदिन जिले से ऑनलाइन व ऑफलाइन मिलाकर कुल 3000 रिपोर्ट्स सरकार तक पहुंचाई जाती थी। इसकी शुरुआत स्वास्थ्य उप केंद्रों से होती है। 17 अक्टूबर से यह काम बंद किया गया है। पहले असहकार आंदोलन और 23 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू है। इसमें जिले के 1250 ठेका कर्मचारी शामिल है। बरसों से ठेका पद्धति पर सेवा देनेवाले कर्मचारी सरकारी सेवा में स्थायी समायोजन करने की मांग की है। स्वास्थ्य क्षेत्र में 60 फीसदी ठेका कर्मचारी हैं। 40 फीसदी स्थायी पद हैं, उनमें 20 फीसदी पद रिक्त हैं। कुल मिलाकर स्वास्थ्य क्षेत्र ठेका पद्धति पर सेवा देनेवाले कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है।

50 से अधिक तरह की रिपोर्ट बनती हर दिन

सरकार तक हर रोज की रिपोर्ट नहीं पहुंचने से स्वास्थ्य विषयों पर लिये जानेवाले निर्णय प्रभावित होे रहे हैं। िरपोर्ट में स्वास्थ्य केंद्रों मंे आनेवाले मरीज, उनकी जांच, उपचार, बीमारियां, दवाओं की उपलब्धता, गर्भवती महिलाओं की जांच, प्रसूति, दुर्लभ बीमारियां, नवजात की स्थिति, जन्म-मृत्यु का ब्योरा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत चलाए जानेवाले विविध अभियान के परिणाम, समेत 50 से अधिक तरह की जानकारी हर रोज रिपोर्ट बनाकर दी जाती है। इन रिपोर्ट के आधार पर ही स्वास्थ्य क्षेत्र की समस्याएं व उनमें सुधार की योजनाएं तैयार की जाती हैं। 12 दिन से रिपोर्ट नहीं भेजे जाने से स्वास्थ्य सेवा व अभियान कार्यालय में खलबली मची है। जिले में 316 उप स्वास्थ्य केंद्र, 53 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 11 ग्रामीण अस्पताल, 2 जिला अस्पताल, 50 आयुर्वेद व एलोपैथी दवाखाने हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में 1250 कर्मचारी हैं। इनमें डॉक्टरों से लेकर सभी वर्ग के कर्मचारी शामिल हैं।

इस बार आश्वासन से नहीं बनी बात

31 मार्च 2023 को स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी कि जिन कर्मचारियों को 10 साल हो चुके हैं, उन्हें स्थायी किया जाएगा। इस बात को 7 महीने बीत चुके हैं, लेकिन किसी को स्थायी नहीं किया गया। इसी 25 अक्टूबर को स्वास्थ्य सेवा आयुक्त व अभियान संचालक ने एक बैठक आयोजित की थी। बैठक में हड़ताल को लेकर चर्चा के बाद फिर एक बार स्थायी करने का आश्वासन दिया गया। इस बार आश्वासन मानने को कोई तैयार नहीं हुआ। इसलिए अनिश्चितकालीन हड़ताल ज्यों की त्यों शुरू है। 30 व 31 अक्टूबर को मुंबई में राज्यभर के कर्मचारी एकत्रित होनेवाले हैं। यहां प्रदर्शन किया जाएगा। 31 अक्टूबर तक मांग पूरी नहीं होने पर अांदोलन तीव्र किया जाएगा। ऐसा भी समिति के समन्वयक पवन वासनिक ने बताया है। सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि बातचीत करने सामने नहीं आया है।

Created On :   29 Oct 2023 7:39 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story